बुधवार देर रात हुई तूफानी बारिश में प्रदेश के विभिन्न जिलों में हादसों में 41 लोगों की मौत हो गयी है। लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद व मेरठ सहित 25 जिलों में जमकर बारिश हुई है और कई जगहों पर ओले भी गिरे हैं। तेज अंधड़ और बारिश के चलते फल पट्टी क्षेत्र काकोरी-मलिहाबाद में दशहरी आम की तैयार हो रही फसल को नुकसान पहुंचा है।
गुरूवार सुबह ही स्थानीय मंडिया आंधी में गिरे कच्चे आमों से पट गयी हैं। आवक अधिक हो जाने के चलते बाजार में कच्ची दशहरी 15 रूपये किलो मिलने लगी है। बागवानों का कहना है कि पहले कीटों के प्रकोप ने और अब आंधी ने फसल का खासा नुकसान कर दिया है। बनारस, चंदौली, मिर्जापुर, गाजीपुर जैसे पूर्वी जिलों में सफेदा, लंगड़ा आमों की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। तेज बारिश और हवाओं के चलते सड़ी गरमी का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान में 5-7 डिग्री की गिरावट है।
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हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि तापमान में गिरावट एक दो दिन ही रहेगी और 25 मई से एक बार फिर से पारा 42 डिग्री के पार हो जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों ने प्रदेश में 25 मई से नौ दिनों के लिए चलने वाले नौतपा का अंदेशा जताया है। वहीं दशहरी के बागवानों के लिए नौतपा फसल को प्राकृतिक रूप से पकने के लिए मुफीद बताया जा रहा है।
गुरुवार सुबह भी प्रदेश के 39 जिलों में बारिश का एलर्ट जारी किया गया था। मौसम विभाग का कहना है कि मॉनसून अगले 4-5 दिनों में केरल पहुंच सकता है और इस बार समय से उत्तर प्रदेश में बरसात के शुरू हो जाने की उम्मीद है। समय से बरसात होने से किसानों के लिए धान की रोपाई में करने में आसानी होगी।
बुधवार देर रात शुरू हुई बारिश का सिलसिला गुरुवार तड़के तक चलता रहा है। इस दौरान सबसे ज्यादा 74 मिलीमीटर बारिश गोरखपुर में रिकॉर्ड की गई है। कई जिलों में 70 से 80 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चली है जिससे बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है। बारिश और आंधी से हुए हादसों में कासगंज में 5, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, लखीमपुर, नोएडा, इटावा जिलों में 3-3 लोगों की मौत हो गई है जबकि सहारनपुर, सोनभद्र, कुशीनगर, झांसी और फतेहपुर में 2-2 लोगों की मौत हो गई है। ज्यादातर मौतें आंधी में बिजली के खंभे, टिन शेड गिरने व दीवारें आदि गिरने से हुई हैं।