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योगी सरकार का छोटे उद्यमियों को बड़ा तोहफा, हर जिले में फैक्ट्री के लिए मिलेगी बहुत सस्ती जमीन

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में बनने वाले औद्योगिक पार्कों की जमीन का आरक्षित मूल्य 2500 रूपये प्रति वर्गमीटर रखा गया है।

Last Updated- August 08, 2025 | 4:26 PM IST
Yogi adityanath

उत्तर प्रदेश में अब छोटे उद्यमियों को इकाई लगाने के लिए आसानी से जमीन मिल सकेगी। योगी सरकार चार दशकों के बाद प्रदेश के सभी जिलों में नए औद्योगिक पार्क विकसित करने जा रही है जहां उद्यमियों को ई-नीलामी के आधार पर सस्ते भूखंड मिल सकेंगे।

प्रदेश सरकार जिला वार औद्योगिक पार्क बनाने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग को मुफ्त जमीन उपलब्ध कराएगी। एमएसएमई विभाग इस जमीन को विकसित कर उद्यमियों को काफी कम कीमत पर देगा। जिलों में जमीन हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार बंजर भूमि, ग्राम समाज की जमीन व भू माफियाओं की जब्त की गई जमीन का अधिग्रहण करेगी। योगी मंत्रिपरिषद ने  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम औद्योगिक आस्थान प्रबन्धन नीति का आलेख अनुमोदित किया है। नीति के मुताबिक अब एमएसएमई को अपने ही जिले में कम कीमत पर आसानी से औद्योगिक इकाई लगाने के लिए जमीन मिल सकेगी।

प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि औद्योगिक आस्थानों में उपलब्ध/रिक्त औद्योगिक भूमि/शेड/भूखण्ड आवंटन लीज/रेण्ट पर नीलामी/ई-ऑक्शन के आधार पर किया जाएगा। लीज/रेण्ट की अवधि का निर्धारण एवं नीलामी हेतु माध्यम/पोर्टल का निर्णय आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग द्वारा लिया जाएगा। नयी नीति के तहत प्रदेश सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में इकाई लगाने के जमीन के दाम भी तय कर दिए हैं।

प्रदेश के सभी जिलों में बनने वाले औद्योगिक पार्कों के जमीन का आरक्षित मूल्य 2500 रूपये प्रति वर्गमीटर रखा गया है। उद्योगों की दृष्टि से सबसे ज्यादा मांग वाले पश्चिमी जिलों में औद्योगिक भूखंड के लिए 20 फीसदी अधिक 3000 रूपये प्रति वर्ग मीटर की कीमत ली जाएगी। जबकि बुंदेलखंड व पूर्वांचल के जिलों में आरक्षित मूल्य से 20 फीसदी कम 2000 रूपये प्रति वर्ग मीटर कीमत अदा करनी होगी। वर्तमान कीमत वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तय की गयी है। 

इसके बाद हर साल जमीन की कीमत में पांच फीसदी का इजाफा किया जाएगा। एमएसएमई औद्योगिक आस्थान नीति तीन सालों के लिए प्रभावी रहेगी। तीन सालों के बाद इसकी समीक्षा कर आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। जमीन लेने के लिए ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए  आवेदक को भूखण्ड के प्रदर्शित आरक्षित मूल्य की 10 फीसदी धनराशि अर्नेस्ट मनी के रूप में जमा करनी होगी।

एमएसएमई इकाइयों के लिए हायर परचेज एग्रीमेंट के तहत दी जाने वाली जमीन को अनिश्चितकालीन पट्टा माना जाएगा और इस पर स्टाम्प, विक्रय पत्र की भांति देय होगा। शेड सहित अन्य सभी निर्माण की लीज/पट्टा अनिश्चितकालीन होगा और उसका विक्रय आवंटी का माना जाएगा।

औद्योगिक आस्थान की किसी भूमि का भू-उपयोग परिवर्तन आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग की संस्तुति पर शासन द्वारा किया जाएगा। लीज डीड कराने में स्टाम्प शुल्क का निर्धारण स्टाम्प एवं पंजीयन अधिनियम तथा समय-समय पर निर्गत शासनादेशों के प्रावधानों के अनुरूप होगा। आरक्षण में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए  औद्योगिक आस्थान में कुल भूखण्ड एवं शेडों की कुल संख्या का 10 फीसदी  भूखण्ड/शेड इस श्रेणी के व्यक्तियों/फर्म को आवंटित किया जाएगा। आवासीय/वाणिज्यिक भूखण्ड/शेडों हेतु बेस रेट व अन्य दरें औद्योगिक भूखण्ड/शेड की दोगुना निर्धारित होगी। आवंटन की तिथि से ठीक एक वर्ष व्यतीत होने पर प्रत्येक वर्ष लीज रेण्ट जमा किया जाना अनिवार्य होगा। समय से लीज रेण्ट जमा न करने पर 18 फीसदी का दंड ब्याज लिया जाएगा।

First Published - August 8, 2025 | 4:15 PM IST

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