उत्तर प्रदेश

आरजे शंकरा नेत्र चिकित्सालय आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम, PM मोदी ने पिछली सरकारों पर साधा निशाना

मोदी ने निवेशक व कारोबारी राकेश झुनझुनवाला को भी याद किया। वाराणसी में स्थापित आरजे (राकेश झुनझुनवाला) शंकरा नेत्र चिकित्सालय राकेश झुनझुनवाला के नाम पर स्थापित किया गया है।

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भाषा   
Last Updated- October 20, 2024 | 6:25 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरजे शंकरा नेत्र चिकित्सालय को एक प्रकार से आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम बताते हुए रविवार को कहा कि यह अस्पताल बुजुर्गों की भी सेवा करेगा और अनेक लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा तथा उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे जहां आरजे शंकरा नेत्र अस्पताल के लोकार्पण के बाद आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ”मैं अभी इस नेत्र अस्पताल को देखकर आया हूं, एक प्रकार से आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम है। यह अस्पताल बुजुर्गों की भी सेवा करेगा और बच्चों को भी नई रोशनी देगा।”

मोदी ने कहा, ”साथियों हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’, यानि अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। यह अस्पताल वाराणसी और अनेक लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा, उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा।” पूर्वी उत्तर प्रदेश की उपेक्षा के लिए मोदी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधा और स्वास्थ्य सेवा में पिछले 10 साल में हासिल उपलब्धियों को गिनाया।

मोदी ने कहा, ”हमारी मोक्षदायिनी काशी अब नई ऊर्जा और नये संसाधनों के साथ नव जीवन दायिनी भी बन रही है। पहले की सरकारों के समय वाराणसी समेत पूर्वांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं को जमकर नजर अंदाज किया गया।”

शंकरा नेत्र चिकित्सालय की संभावनाओं पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, ”यहां बड़ी संख्या में गरीबों को मुफ्त इलाज मिलने वाला है। यह नेत्र अस्पताल यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर भी लेकर आया है। यहां मेडिकल कॉलेजों के छात्र इंटर्नशिप कर पाएंगे, प्रैक्टिस कर पाएंगे। यहां सहयोगी के तौर पर अनेकों लोगों को काम मिलेगा।”

शंकराचार्य के प्रति आभार जताते हुए उन्होंने कहा, ”आज जगदगुरु ने विशेष तौर पर इस कार्यक्रम के लिए मेरे संसदीय क्षेत्र में आने का समय निकाला। मैं यहां के जनप्रतिनिधि के रूप में आपका स्वागत करता हूं और आपका आभार भी प्रकट करता हूं।”

मोदी ने शंकराचार्य से एक नेत्र अस्पताल बिहार में भी स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ”बिहार को आपका आशीर्वाद मिलेगा, प्राथमिकता मिलेगी। वहां के लोग बहुत परिश्रमी हैं, उनके लिए कुछ करके हमें संतोष मिलेगा।”

मोदी ने निवेशक व कारोबारी राकेश झुनझुनवाला को भी याद किया। वाराणसी में स्थापित आरजे (राकेश झुनझुनवाला) शंकरा नेत्र चिकित्सालय राकेश झुनझुनवाला के नाम पर स्थापित किया गया है।

मोदी ने कहा, ”मुझे याद है कि मैंने शंकरा आई हॉस्पिटल और चित्रकूट आई हॉस्पिटल दोनों संस्थानों से वाराणसी आने का आग्रह किया था। मैं दोनों संस्थानों का आभारी हूं कि उन्होंने काशी वासियों के आग्रह का मान रखा।”

मोदी ने कहा, ”यहां के लोगों को दो नये आधुनिक संस्थान मिलने जा रहे हैं। अनंत काल से काशी की पहचान धर्म और संस्कृति की राजधानी के रूप में रही है। अब काशी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के बड़े आरोग्य केंद्र के रूप में विख्यात हो रही है।”

वाराणसी को 10 वर्षों में मिली स्वास्थ्य सुविधाओं की चर्चा करते हुए कहा, ”आज बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों से हजारों लोग यहां उपचार के लिए आते हैं।” उन्होंने कहा, ”हमारी मोक्षदायिनी काशी अब नई ऊर्जा और नये संसाधनों के साथ नव जीवन दायिनी भी बन रही है।”

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया, ”पहले की सरकारों के समय वाराणसी समेत पूर्वांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं को जमकर नजर अंदाज किया गया। हालत ये थी कि 10 साल पहले पूर्वांचल में दिमागी बुखार के उपचार के लिए ब्लॉक स्तर पर उपचार केंद्र नहीं थे। बच्चों की मौत होती थी, मीडिया में हो हल्ला होता था लेकिन पहले की सरकारें कुछ नहीं करती थी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें संतोष है कि बीते दशक में काशी ही नहीं पूर्वांचल के पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि आज पूर्वांचल में दिमागी बुखार का उपचार करने के लिए 100 से अधिक केन्द्र काम कर रहे हैं और 10 सालों में पूर्वांचल के प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों में 10 हजार से अधिक नये बेड जोडे गये हैं तथा पूर्वांचल के गांवों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाये गये हैं।

उन्होंने कहा कि 10 साल पहले पूर्वांचल के जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा तक नहीं थी।” मोदी ने कहा कि नये भारत में स्वास्थ्य के प्रति पुरानी सोच को बदल दिया है। भारत की रणनीति के पांच स्तंभ गिनाते हुए उन्होंने कहा, “ पहला बीमारी से पहले का बचाव, दूसरा समय पर बीमारी की जांच, तीसरा मुफ्त और सस्ता इलाज, चौथा छोटे शहरों में सस्ता इलाज और पांचवां स्वास्थ्य सेवा में तकनीक का विस्तार। किसी भी व्यक्ति को बीमारी से बचाना भारत में स्वास्थ्य नीति की बड़ी प्राथमिकता है।”

मोदी ने कहा, ”बीमारी गरीब को और गरीब बनाती है। बीते 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। एक गंभीर बीमारी इन्हें फिर से गरीबी के दलदल में धकेल सकती है, इसलिए बीमारी हो ही नहीं, इस पर सरकार बहुत जोर दे रही है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए उनकी सरकार साफ सफाई, पोषण और खान पान पर खास ध्यान दे रही है तथा “हम टीकाकरण अभियान को घरों तक ले गये हैं।”

उन्होंने कहा कि 10 साल पहले करोड़ों बच्चे टीकाकरण के दायरे में ही नहीं थे और टीकाकरण का यह दायरा एक से डेढ प्रतिशत की गति से बढ़ रहा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहता तो हर क्षेत्र के बच्चे को टीकाकरण के दायरे में लाने में 40-50 साल और लग जाते।

मोदी ने कहा, ”आप कल्पना कर सकते हैं कि यह देश की नई पीढ़ी के साथ कितना अन्याय हो रहा था। इसलिए सरकार बनने के बाद हमने बड़ी प्राथमिकता के साथ बच्चों के टीकाकरण का कवरेज बढ़ाया और मिशन इंद्रधनुष शुरू किया। इसका बड़ा फायदा मिला। आज पूरे देश में अभियान तेजी से चल रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि देश में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए मेडिकल की हजारों सीटें जोड़ी गयी हैं और आने वाले वर्षों में 75 हजार और सीटें जोडी जाएंगी।

मोदी ने कहा, ”अब तक 30 करोड़ से ज्यादा लोग ई-संजीवनी ऐप की मदद से सलाह ले चुके हैं। ड्रोन तकनीक से भी स्वास्थ्य सेवाओं को जोड़ने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। स्वस्थ एवं समर्थ युवा पीढ़ी विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने वाली है।”

इसके पहले मोदी ने ‘हर हर महादेव’ के उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की और कहा, “इस पावन माह में काशी आना अपने आप में एक पुण्य अवसर होता है। यहां अपने काशीवासी तो है ही, संतजनों और परोपकारियों का भी संघ है, इससे सुखद संयोग भला क्या हो सकता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि परम पूज्य शंकराचार्य के आशीर्वाद से काशी और पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला है।

उन्होंने कहा, “भगवान शंकर की नगरी में आरजे शंकरा नेत्र अस्पताल आज से जन जन के लिए समर्पित है। मैं काशी के, पूर्वांचल के सभी परिवारजनों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।” इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी यहां आरजे शंकरा नेत्र चिकित्सालय पहुंचे जो कांची मठ से संचालित होता है। उन्होंने कांची कामकोटि पीठम के शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामी से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री ने पूर्व शंकराचार्य की प्रतिमा और भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष जाकर दर्शन-पूजन किया जिसके बाद नेत्र अस्पताल का लोकार्पण किया। मोदी ने संबोधन से पूर्व बच्चों को चश्मे प्रदान किए। प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

संस्था से जुड़े लोगों के अनुसार इस नेत्र अस्पताल से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों के मरीजों को सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया है। कांची मठ से संचालित यह देश में 17 वां अस्पताल है। संस्था के लोगों के अनुसार यहां प्रतिवर्ष 30 हजार मरीजों की आंखों के नि:शुल्क ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया है।

समारोह में संस्थान से जुड़े आर रमणी, राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा झुनझुनवाला समेत कई प्रमुख लोगों ने अपने विचार रखे। इससे पहले, प्रधानमंत्री यहां लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे पर पहुंचे और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया। काशीवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी का ढोल-नगाड़ों और पुष्पवर्षा से स्वागत किया।

First Published : October 20, 2024 | 6:25 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)