उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पांच औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन एवं सुविधाओं के रूप में करीब 105 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। प्रदेश सरकार ने पर्यटकों की लगातार बढ़ रही आमद को देखते हुए होम स्टे के लिए नीति घोषित की है। सरकारी राशन के उचित वितरण के लिए अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण का फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति के तहत पांच इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन जारी किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि बाराबंकी जिले में एसएलएमजी बेवरेज को नीति के तहत अनुमन्य वित्तीय प्रोत्साहन एवं सुविधाओं की प्रथम किस्त की धनराशि 38.73 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति दी है।
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सिल्वरटन पल्प एण्ड पेपर्स, मुजफ्फरनगर को 1.88 करोड़ रूपये, अमेठी के एसीसी लिमिटेड को 17.28 करोड़ रूपये, अलीगढ़ की वंडर सीमेंट लिमिटेड को 38.32 करोड़ रूपये और हापुड़ के मून वेबरेजेज को वित्तीय प्रोत्साहन एवं सुविधाओं की प्रथम किस्त की धनराशि 8.68 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। वहीं एसीसी लिमिटेड सोनभद्र के लेटर ऑफ कंफर्ट (एलओसी) को निरस्त कर दिया गया है।
खन्ना ने बताया कि योगी मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश बेड एण्ड ब्रेकफास्ट (बी एण्ड बी) एवं होमस्टे नीति के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में संचालित होमस्टे एवं बी एंड बी इकाइयों को नीति न होने के चलते अभी केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा संचालित निधि प्लस पोर्टल पर पंजीकरण कर प्लेज एवं प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। प्रदेश में स्थापित होमस्टे एवं बी एंड बी इकाइयों को इस नीति में सम्बन्धित स्थानीय निकायों से अनापत्ति प्राप्त करते हुए नियमानुसार संचालन किये जाने की व्यवस्था का सरलीकरण किये जाने के लिए होमस्टे एवं बी एंड बी नीति-2025 तैयार की गई है।
बीएंडबी एवं होमस्टे नीति के मुताबिक धार्मिक और पर्यटन स्थलों में कोई भी व्यक्ति अपने 1 से 6 कमरों तक की इकाई को होमस्टे के रूप में रजिस्टर करा सकता है। इसके तहत, अधिकतम 12 बेड की अनुमति होगी। कोई भी पर्यटक लगातार 7 दिन तक इस सुविधा का लाभ उठाते हुए यहां ठहर सकता है। इससे अधिक ठहरने की स्थिति में रिन्यूअल की भी व्यवस्था होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे इकाइयों के लिए 500 से 750 रूपये तक का शुल्क लिया जाएगा। वहीं, शहरी या सिल्वर श्रेणी के होमस्टे के लिए 2000 रूपये का आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है।
एक अन्य फैसले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ करने एवं राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न सुचारू रूप से उपलब्ध कराने हेतु अन्नपूर्णा भवन के नाम से मॉडल उचित दर दुकार्नों के निर्माण को मंजूरी दी गयी है। इन भवनों के निर्माण में तेजी लाने के लिए राजकोषीय बचत से भी अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण का निर्णय लिया गया है। अब मनरेगा के अतिरिक्त राज्य वित्त आयोग, सांसद निधि, विधायक निधि, पूर्वान्चल विकास निधि, बुन्देलखण्ड विकास निधि अथवा अन्य किसी राज्य या केन्द्र सरकार की योजना, जिसमें इनका निर्माण अनुमन्य है, अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराया जा सकेगा। हर जिले में 75 से 100 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण प्रति वर्ष कराया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त इस भवनों के अनुरक्षण की व्यवस्था का भी प्राविधान किया गया है।
योगी मंत्रिपरिषद ने पूर्व अग्निवीरों को समायोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी, पीएसी, आरक्षी घुडसवार एवं फायरमैन की सीधी भर्ती में 20 फीसदी पदों को आरक्षित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उन्हें भूतपूर्व सैनिक की तरह अग्निवीर के रूप में की गयी सेवा अवधि को घटाते हुए अधिकतम आयु सीमा में 3 साल की छूट देने का फैसला किया गया है।