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Ayodhya Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देशभर से 14 दंपतियां ‘यजमान’ बनेंगे

अंबेकर ने कहा, ‘‘ये लोग इस समारोह में अपनी पत्नी के साथ शामिल होंगे। इनका व्यापक ‘सहभाग’ होगा और धार्मिक ग्रंथों में जैसा उल्लेख है उसी प्रकार से समग्र पूजा की जा रही है।’’

Last Updated- January 21, 2024 | 9:22 AM IST
Ram Mandir consecration ceremony
Ram Mandir consecration ceremony

अयोध्या में भव्य राम मंदिर में श्रीरामलला की मूर्ति की 22 जनवरी को होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आये 14 दंपति ‘यजमान’ (मेजबान) के दायित्व का निर्वहन करेंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक अनुष्ठान 16 जनवरी को प्रारंभ हुआ और शनिवार को इसका पांचवा दिन था। उन्होंने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हिंदू धर्म के अंतर्गत एक मंदिर की पूजा में व्यापक अनुष्ठान होते हैं। कई ‘अधिवास’ होते हैं। मुख्य प्राण प्रतिष्ठा पूजा में 14 दंपति हिस्सा लेंगे। ये सभी भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण और पूर्वोत्तर से हैं। ये मुख्य यजमान होंगे।’’ ‘यजमानों’ की सूची में उदयपुर से रामचंद्र खरादी, असम से राम कुई जेमी, जयपुर से गुरुचरण सिंह गिल, हरदोई से कृष्ण मोहन, मुल्तानी से रमेश जैन, तमिलनाडु से आदलरासन और महाराष्ट्र से विठ्ठल कामनले शामिल हैं।

इसी तरह, महाराष्ट्र के लातूर में घुमंतू समाज ट्रस्ट से महादेव राव, कर्नाटक से लिंगराज बासवराज, लखनऊ से दिलीप वाल्मिकी, डोम राजा के परिवार से अनिल चौधरी, काशी से कैलाश यादव, हरियाणा के पलवल से अरुण चौधरी और काशी से कवींद्र प्रताप सिंह भी इस सूची में शामिल हैं। अंबेकर ने कहा, ‘‘ये लोग इस समारोह में अपनी पत्नी के साथ शामिल होंगे। इनका व्यापक ‘सहभाग’ होगा और धार्मिक ग्रंथों में जैसा उल्लेख है उसी प्रकार से समग्र पूजा की जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस देश के हर हिस्से से लोग भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण चाहते थे। कई लोगों ने इसके लिए संघर्ष किया। देश के हर कोने से लोग विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल रहे और इसके लिए अभियान चलाया। इसलिए हर कोई इस मंदिर से जुड़ना चाहता है क्योंकि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। यह भारत का उत्सव है और हिंदू समाज के लिए एकता का उत्सव है।’’

शनिवार को हुए अनुष्ठान में भगवान के विग्रह को देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई शक्कर और पुष्प अर्पित किए गए। इस समारोह के एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू में विग्रह को स्नान कराना और गर्भगृह का शुद्धीकरण शामिल रहा जिसमें देशभर से विभिन्न धार्मिक स्थानों से लाए गए जल से शुद्धीकरण किया गया। अधिकारियों ने बताया कि 16 जनवरी को प्रारंभ हुआ यह अनुष्ठान आरएसएस नेता अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा द्वारा किया जा रहा है।

अनिल मिश्रा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के 15 न्यासियों में से एक हैं। मैसूरू स्थित शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार रामलला का 51 इंच के विग्रह को बृहस्पतिवार दोपहर राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया।

First Published - January 21, 2024 | 9:22 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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