उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने से वंचित रह गए किसानों को भी इसका लाभ दिलाया जाएगा। न केवल एक अभियान चला कर छूटे गए लोगों को योजना से जोड़ा जाएगा बल्कि उन्हें सम्मान निधि की पुरानी किस्त भी दिलाई जाएंगी।
उत्तर प्रदेश में किसानों के बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ने, ई-केवाईसी व भू-लेख अंकन के लिए वृहद संतृप्तीकरण अभियान की शुरुआत करते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन किसानों को अब तक किसान सम्मान योजना का लाभ किसी वजह से नहीं मिला होगा उनके पात्र पाए जाने पर पिछली किस्त भी मिलेंगी। इस मौके पर उन्होंने किसानों के लिए खास बनाए गए दर्शन पोर्टल की भी शुरुआत की जिसके जरिए विभिन्न सेवाओं व अनुदान के लिए पंजीकरण किया जाएगा।
इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह बृहद अभियान किसानों को सम्मान देने का महाअभियान है। इस अभियान से जुड़ी सभी संस्थाएं इसे बृहद पैमाने पर लग कर पूरा करेंगी। इससे किसानों की ओर से आने वाली शिकायतों का समाधान होगा और उम्मीद है कि 10 जून के बाद यूपी का कोई किसान इस प्रकार की शिकायत नहीं करेगा कि मैं इस योजना के लाभ से वंचित रह गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग मे आज व्यापक बदलाव हो रहे है जिसका लाभ अन्नदाता किसान को मिल रहा है। आज से शुरू हुआ वृहद अभियान 10 जून तक चलेगा। इस दौरान जो शिकायत मिलेगी उनका निस्तारण भी तत्काल होगा।
विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनके यहां किसान श्रमिकों के नाम के नारे लगते थे, लेकिन उन्हे कभी शासन की योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मे दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए सम्मान निधि का ऐलान किया था और आज प्रदेश में 2.63 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिल रहा है। योजना के तहत अब तक 55000 करोड़ रुपये ज्यादा किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं। अब संतृप्तीकरण अभियान के जरिए सभी पात्र किसानों को इसका लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश की सभी 55000 ग्राम पंचायतों में यह अभियान चलाया जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही ई-केवाईसी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने दस लाख से ज्यादा अपात्र लोगों को खोजकर उन्हें किसान सम्मान निधि पाने वालों की सूची से बाहर किया है। इनमें आयकर दाता, पेंशनभोगी और सरकारी नौकरी करने वाले शामिल थे।