ट्रेड यूनियनों ने 2 पोस्टल यूनियनों नैशनल फेडरेशन आफ पोस्टल इंप्लाइज (NFPE) और ऑल इंडिया पोस्टल इंप्लाइज यूनियन (AIPEU-ग्रुप C) की मान्यता रद्द करने के हाल के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। इन यूनियनों पर केंद्रीय सेवा नियमावली का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि उन्होंने धन का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया है।
बुधवार को पारित आदेश में डाक विभाग ने कहा है कि इन दोनों संगठनों ने केंद्रीय सिविल सेवा (सेवा एसोसिएशनों का पंजीकरण) नियम, 1993 के नियम 5 और 6 का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक विचारों का प्रचार करने के लिए पैसा लगाया है।
यह मामला कॉन्फेडरेशन आफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लाइज ऐंड वर्कर्स (CCGEW) द्वारा 30,000 रुपये दान दिए जाने से जुड़ा है, जिसमें NFPE और AIPEU किसानों के आंदोलन से जुड़े। डाक विभाग ने यह भी आरोप लगाया है कि इन यूनियनों ने सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) और माकपा को भी पैसा दिया।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने कहा है कि डाक विभाग द्वारा की गई कार्रवाई NFPE और AIPEU के खिलाफ की गई ओछी शिकायत के आधार पर की गई है और यह सामान्य गतिविधि है कि विरोध प्रदर्शन करने वाले कामगारों के प्रति एकजुटता दिखाने की सामान्य गतिविधि है।