facebookmetapixel
बजट-पूर्व बैठक में एक्सपर्ट्स ने कृषि सेक्टर में R&D के लिए ज्यादा धनराशि पर जोर दियाअगर बैंक ने ज्यादा पैसे काट लिए या शिकायत पर जवाब नहीं दिया, ऐसे घर बैठे करें फ्री में कंप्लेंटBihar Election 2025: दूसरे चरण में 3.7 करोड़ मतदाता 122 सीटों पर करेंगे 1,302 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसलाBandhan MF ने उतारा नया हेल्थकेयर फंड, ₹100 की SIP से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसा?Explained: AQI 50 पर सांस लेने से आपके फेफड़ों और शरीर को कैसा महसूस होता है?अगर इंश्योरेंस क्लेम हो गया रिजेक्ट तो घबराएं नहीं! अब IRDAI का ‘बीमा भरोसा पोर्टल’ दिलाएगा समाधानइन 11 IPOs में Mutual Funds ने झोंके ₹8,752 करोड़; स्मॉल-कैप की ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसा बरकरारPM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधारDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?

रवींद्रनाथ टैगोर की 35 चिट्ठियां 5.9 करोड़ में बिकीं, ‘दिल’ की मूर्ति ने भी खींचा ध्यान

नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा समाजशास्त्री, संगीतविद और उनके करीबी धुरजति प्रसाद मुखर्जी को लिखे गए 12 दुर्लभ पत्रों का पता चला है।

Last Updated- June 29, 2025 | 10:38 AM IST
Tagore's handwritten letters
रवींद्रनाथ टैगोर की चिट्ठियों के अलावा उनकी एकमात्र जानी-पहचानी मूर्ति 'द हार्ट' की भी आस्टागुरु की 'कलेक्टर्स चॉइस' नीलामी में बोली लगी।

रवींद्रनाथ टैगोर की लिखी चिट्ठियों ने एक बार फिर लोगों का दिल जीत लिया है। आस्टागुरू की “कलेक्टर्स चॉइस” नीलामी में टैगोर के 35 हाथ से लिखे हुए लेटर्स और 14 लिफाफों वाला एक खास सेट ₹5.9 करोड़ में बिका। यह ऑक्शन 26 और 27 जून को हुआ था।

खास बात ये रही कि ये कोई पेंटिंग या आर्टवर्क नहीं था, बल्कि सिर्फ लेटर और पेपर से जुड़ा एक डॉक्युमेंट आर्काइव था। इसके बावजूद इस पर इतनी बड़ी बिड लगी कि यह टैगोर की किसी भी क्रिएशन के लिए दूसरी सबसे बड़ी सेल बन गई। इससे साफ है कि उनकी लिखावट और सोच आज भी लोगों को उतनी ही इंस्पायर करती है।

नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा समाजशास्त्री, संगीतविद और उनके करीबी धुरजति प्रसाद मुखर्जी को लिखे गए 12 दुर्लभ पत्रों का पता चला है। ये पत्र 1927 से 1936 के बीच लिखे गए थे और इनमें से कई पत्रों पर विश्‍व भारती, उनके शांतिनिकेतन स्थित उत्तरायण आवास, दार्जिलिंग के ग्लेन ईडन और उनकी नाव ‘पद्मा’ के लेटरहेड लगे हैं।

AstaGuru नीलामी मंच के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर मनोज मनसुखानी के मुताबिक, “ये सिर्फ साहित्यिक दस्तावेज नहीं हैं, बल्कि टैगोर की खुद की जुबानी उनका आत्म-चित्र हैं। इन पत्रों में उनके दार्शनिक विचार, साहित्य को लेकर उनका नजरिया, सौंदर्यशास्त्र की समझ और उनकी भावनात्मक संवेदनाएं झलकती हैं।”

मंसुखानी के अनुसार, रवींद्रनाथ टैगोर की चिट्ठियां आमतौर पर बहुत कम देखने को मिलती हैं। कभी-कभी कोई एक-दो पत्र मिलते हैं, लेकिन ऐसा पूरा संग्रह – जिसमें 35 हस्तलिखित पत्र और 14 लिफाफे शामिल हैं – बेहद दुर्लभ है।

उन्होंने बताया कि ये पत्र न सिर्फ संख्या में ज्यादा हैं, बल्कि विचारों से भरपूर और भावनात्मक रूप से भी बेहद निजी हैं। ऐसे दस्तावेज बहुत ही कम सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध होते हैं क्योंकि टैगोर की ज़्यादातर अहम चिट्ठियां विभिन्न संस्थागत संग्रहालयों में सुरक्षित हैं।

यह पूरा संग्रह एक निजी संग्रहकर्ता के पास था। मंसुखानी ने बताया कि इसकी प्रमाणिकता को विस्तार से दर्ज किया गया है और इनमें से कुछ पत्रों को समय-समय पर प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और किताबों में प्रकाशित भी किया जा चुका है।

आस्टागुरु की ‘कलेक्टर्स चॉइस’ नीलामी में रवींद्रनाथ टैगोर की लिखी चिट्ठियों के साथ-साथ उनकी एकमात्र जानी-मानी मूर्ति ‘द हार्ट’ की भी नीलामी हुई।

यह मूर्ति क्वार्ट्जाइट पत्थर से बनी है और माना जाता है कि टैगोर ने इसे अपनी भाभी कादंबरी देवी को समर्पित किया था। कादंबरी देवी, टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरिंद्रनाथ टैगोर की पत्नी थीं। इस मूर्ति की शुरुआत वर्ष 1883 में कर्नाटक के कारवार में एक एकांतवास के दौरान की गई थी, जब टैगोर केवल 22 वर्ष के थे।

नीलामी में टैगोर की चिट्ठियां सबसे महंगे दाम पर बिकीं, जबकि ‘द हार्ट’ को लगभग ₹1.04 करोड़ में खरीदा गया। कुल 77 वस्तुएं इस नीलामी में रखी गई थीं।

चिट्ठियों के बाद सबसे ऊंची बोली प्रसिद्ध चित्रकार एम एफ हुसैन की कृति पर लगी, जो उनकी ‘मदर टेरेसा’ श्रृंखला से थी। इसे करीब ₹3.80 करोड़ में बेचा गया।

First Published - June 29, 2025 | 10:38 AM IST

संबंधित पोस्ट