सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को निर्देश दिया कि वे मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौट आएं। न्यायालय ने उस अहम दस्तावेज के गायब होने पर भी चिंता जताई जो कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार के बाद जान से मार दी गई छात्रा की ऑटोप्सी के लिए जरूरी था। न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से मामले की जांच करने को कहा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि कोलकाता पुलिस ने डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में 14 घंटे की देरी की। देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से कहा कि वह 17 सितंबर तक मामले की जांच को लेकर नई रिपोर्ट पेश करे।
न्यायालय ने कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के काम पर वापस लौटने पर उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई न की जाए। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि इस मामले में डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण अब तक 23 मरीज जान गंवा चुके हैं। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार को निरंतर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा उनकी प्रशासनिक चूकों और पीड़िता के माता-पिता के आरोपों की वजह से हो रहा है।
रविवार को पूर्व अफसरशाह और तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य जवाहर सरकार ने कहा कि ‘इस स्वत: स्फूर्त जनांदोलन से गलत तरह से निपटे जाने के कारण’ वह राज्य सभा से इस्तीफा देना चाहते हैं और साथ ही राजनीति भी छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के एक वर्ग के दबदबा दिखाने की कोशिश को लेकर भी चिंता प्रकट की।
उक्त दुर्भाग्यपूर्ण घटना के एक दिन बाद राज्य सभा में तृणमूल कांग्रेस के उपनेता सुखेंदु रे को पार्टी के विरोध का सामना करना पड़ा था क्योंकि उन्होंने ‘रीक्लेम द नाइट’ मार्च का सार्वजनिक समर्थन किया था और सीबीआई से मांग की थी कि वह आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को गिरफ्तार करे।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया था कि प्रदर्शन ‘केंद्र सरकार का षडयंत्र है और इसमें कुछ वाम दल भी शामिल हैं।’ उन्होंने प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा, ‘कुछ लोग पड़ोसी देश में मची उथलपुथल का फायदा उठा रहे हैं। वे भूल गए हैं कि भारत और बांग्लादेश अलग-अलग देश हैं।’
बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी पीड़िता के माता-पिता को पैसे देने की पेशकश नहीं की। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि दुर्गा पूजा करीब है और उन्हें उत्सवों की ओर लौटना चाहिए।
राज्य का गृह मंत्रालय भी संभाल रही बनर्जी ने कहा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने प्रदर्शनों के बीच इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन ‘हमें ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो दुर्गा पूजा के पहले कानून-व्यवस्था को समझता हो।’
(साथ में एजेंसियां)