कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले में सिविल कोर्ट का बड़ा फैसला। आरजी कर मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय सोमवार (20 जनवरी) को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
सियालदह कोर्ट में सुनवाई के दौरान, रॉय ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उन्हें फंसाया गया है। आरोपी ने कहा, “मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। मुझे फंसाया गया है… आप तय करें कि मुझे फंसाया गया है या नहीं।”
सजा पर बहस के दौरान, रॉय के वकील ने मौत की सजा का विरोध किया और कहा कि यह साबित करना जरूरी है कि दोषी को सुधारना संभव नहीं है।
उन्होंने दलील दी कि “लोक अभियोजक को यह दिखाना होगा कि समाज को दोषी को पूरी तरह से खत्म करने से क्या लाभ होगा।”
दूसरी ओर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के वकील ने सख्त सजा की मांग की। उन्होंने कहा, “हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए सबसे कड़ी सजा की प्रार्थना करते हैं।”
यह मामला 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट मेडिकल प्रशिक्षु का है, जिसकी लाश 9 अगस्त को एक सेमिनार रूम में मिली थी। इस घटना ने न्याय की मांग के लिए पूरे देश में विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया।
कोलकाता पुलिस के सिविक वॉलंटियर रॉय को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। उन्हें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 के तहत बलात्कार और धारा 66 व 103(1) के तहत हत्या का दोषी पाया गया। धारा 103(1) के तहत अधिकतम सजा उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है।
इस जघन्य अपराध के बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले की जांच CBI को सौंप दी। CBI ने सेशंस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर ध्यान देते हुए डॉक्टरों के लिए कार्यस्थल की सुरक्षा को बढ़ाने के दिशा-निर्देश जारी किए और जांच की प्रगति पर नजर रखी।