facebookmetapixel
Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौकात्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंदQ2 में बंपर मुनाफे के बाद 7% उछला ये शेयर, ब्रोकरेज बोले – BUY; ₹298 तक जाएगा भावNifty Smallcap में गिरावट की चेतावनी! 3 तकनीकी संकेत दे रहे हैं 5% क्रैश का इशारा

खुदरा और ऑनलाइन फार्मेसियों को दवाओं की कीमतें स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने का निर्देश

प्रमुखता से प्रदर्शित की जाए दवाओं की मूल्य सूची, एनपीपीए का दवा दुकानों और ई-फार्मेसियों को निर्देश

Last Updated- February 11, 2025 | 10:13 PM IST
The regulator declared 2 medicines fake, are you also taking them…these are the names नियामक ने 2 दवाओं को नकली बताया, कहीं आप भी तो नहीं ले रहे… ये है नाम

खुदरा दवा विक्रेताओं के साथ-साथ ऑनलाइन फार्मेसियों को अब औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) 2013 के मुताबिक दवा की मौजूदा मूल्य सूची को ‘स्पष्ट रूप से’ प्रदर्शित करना होगा। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण नियामक ने यह निर्देश दिया है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्युटिकल विभाग के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 4 फरवरी को जारी कार्यालय आदेश (ओएम) में कहा कि खुदरा विक्रेताओं, डीलरों और यहां तक कि ऑनलाइन फार्मेसियों को भी अब डीपीसीओ, 2013 के अनुच्छेद 24 और 25 के प्रावधानों का पालन करना होगा। बिजनेस स्टैंडर्ड के पास इसकी प्रति है।

बिजनेस स्टैंडर्ड ने जिन ऑनलाइन फार्मेसियों से संपर्क किया, उन्होंने कहा कि वे इस आदेश का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। हालांकि खुदरा विक्रेताओं की लॉबी से तुरंत प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई, लेकिन फार्मा उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि यह कदम अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है।

नाम न बताने की शर्त पर फार्मा क्षेत्र के एक मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, ‘मरीज सबसे कम दाम वाली दवा की मांग कर सकते हैं, जो शायद हमेशा सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली न हो। इस तरह छोटे भागीदारों के लिए संशोधित अनुसूची एम के कार्यान्वयन में विलंब हो गया है और देश भर में विनिर्माण की गुणवत्ता एक समान नहीं है।’

डीपीसीओ, 2013 के अनुच्छेद 24 में कहा गया है कि प्रत्येक निर्माता को डीलरों, राज्य के औषधि नियंत्रकों और सरकार को एक मूल्य सूची (फॉर्म 5 या फॉर्म 6 ) जारी करनी चाहिए, जिसमें सरकार द्वारा समय-समय पर राजपत्र अधिसूचना के तहत मूल्य निर्धारण या संशोधन का संदर्भ हो। इसके अलावा प्रत्येक खुदरा विक्रेता और डीलर को विनिर्माता द्वारा प्रस्तुत इस मूल्य सूची को परिसर के उस किसी प्रमुख भाग पर प्रदर्शित करना चाहिए, जहां वह कारोबार करता है, ताकि इसे देखने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए यह आसानी से उपलब्ध हो। डीपीसीओ 2013 के अनुच्छेद 25 में गैर-अनुसूचित दवाओं के मामले में भी इसी तरह के प्रावधान हैं।

First Published - February 11, 2025 | 10:13 PM IST

संबंधित पोस्ट