मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से हो रही जोरदार बारिश ने राज्य की हालत खराब कर दी है। कई जिलों में मूसलाधार बारिश से नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई तो बांधों के गेट खोलने पड़े हैं। राज्य में बाढ़ के जैसे हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रशासन, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, महानगरपालिकाओं सहित निकाय संस्थाओं को सतर्क रहने का निर्देश जारी किया है। जनता की हर संभव मदद करने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिये गए हैं।
मुंबई और आसपास के इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। बारिश की तीव्रता को देखते हुए शहर में एनडीआरएफ के तीन दल तैनात किए गए हैं। मीठी नदी उफान पर है। रेलवे ट्रेनें सही समय पर चलने का दावा कर रहा है लेकिन यात्रियों का कहना है कि लोकल ट्रेन 10-20 मिनट की देरी से चल रही है। जबकि लम्बी दूरी की रेलगाड़ियां 20 से 25 मिनट की देरी से चल रही हैं। कई इलाकों में जलभराव के कारण बेस्ट बस की सेवाएं भी प्रभावित हुई है। सड़कों पर भारी जाम की वजह से कामकाज पर आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को खाद्यान्न, औषधी और राहत सामग्री मुहैया कराया जाए। जरूरी हो तो लोगों को सुरक्षित जगह पर आश्रय उपलब्ध कराया जाए। मौसम विभाग से समन्वय कर उनके द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न अलर्ट (चेतावनी) की जानकारी तेज गति से नागरिकों तक पहुंचाई जानी चाहिए। राज्य सरकार ने प्रशासन, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, महानगरपालिकाओं सहित निकाय संस्थाओं को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्देश दिया है कि सभी प्रशासन सतर्क रहें, मौसम विभाग के साथ-साथ आपदा प्रबंधन विभाग से भी समय-समय पर जानकारी लें और उसके अनुरूप योजना बनाकर प्रबंधन करें। दुर्घटना के संभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर नागरिकों को इसके प्रति सचेत करें। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैयारी कारगर होनी चाहिए। बाढ़ के खतरे को रोकने के लिए बांधों, झीलों का जल स्तर निर्धारित किया जाना चाहिए और नियंत्रित निर्वहन प्रणाली प्रदान की जानी चाहिए। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर ऐसे क्षेत्रों में यातायात रोककर वाहनों को वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ दिया जाना चाहिए।
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चंद्रपुर शहर के पास इराई बांध के सभी 7 गेट एक मीटर तक खोल दिए गए हैं, जिससे 462 क्यूसेक पानी इराई नदी में छोड़ा जा रहा है। वर्तमान में वर्धा नदी का जलस्तर कम होने के कारण इराई नदी में पानी तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, यदि गोसीखुर्द बांध से पानी छोड़ा गया तो वैनगंगा नदी का जलस्तर बढ़ सकता है जिसका प्रभाव वर्धा और फिर इराई नदी पर पड़ेगा। फिलहाल गोसीखुर्द बांध से 2,47,776 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है भारी बारिश के कारण और भी पानी छोड़ जा सकता है। जिसके चलते प्रशासन ने नदी किनारे के गांवों को अलर्ट कर दिया है।
एनडीआरएफ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वसई (पालघर), ठाणे, घाटकोपर, पवई (कुर्ला), महाड (रायगढ़), खेड़ और चिपलून (रत्नागिरी), कुडाल (सिंधुदुर्ग), कोल्हापुर, सांगली, सतारा में एनडीआरएफ ने टीमें तैनात की हैं। इसके अलावा मुंबई में तीन टीमें और नागपुर में एक टीम नियमित तैनाती के तौर पर तैनात की गई है। टीमें निचले इलाकों और भूस्खलन की आशंका वाले इलाकों में निगरानी कर किसी भी आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए अलर्ट पर हैं।