facebookmetapixel
देशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोर

प्राइवेट क्षेत्र का पहला कॉर्गो टर्मिनल रेवाड़ी में शुरू

Last Updated- April 21, 2023 | 12:05 AM IST
1st 100% pvt-funded Gati Shakti terminal starts ops

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसी) ने आज रेवाड़ी गति शक्ति कॉर्गो टर्मिनल (जीसीटी) से कामकाज शुरू कर दिया है। जीसीटी सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी (पीपीपी) मॉडल पर बना है, जिसमें पूरा निवेश निजी कारोबारियों ने किया है और इसमें भारतीय रेलवे से शून्य राजस्व साझेदारी है।

हरियाणा में 8 करोड़ रुपये का जीसीटी पूरी तरह से कंटेनर ट्रैफिक के लिए बनाया गया है, जो वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के न्यू रेवाड़ी स्टेशन की लाइन 10 के किनारे है। इसका परिचालन प्रिस्टाइन मेगा लॉजिस्टिक्स पार्क द्वारा होगा। अधिकारियों ने कहा कि सरकारी कंपनी कंटेनर कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (कॉनकोर) और शिपिंग दिग्गज डीपी वर्ल्ड के साथ दौड़ में इसे प्रिस्टाइन ने प्राप्त किया।

रेलवे की फर्म ने कहा, ‘भारतीय रेलवे के मौजूदा कामकाज से यह क्रांतिकारी बदलाव है, जहां रेलवे ने टर्मिनल एक्सेस चार्ज का एक हिस्सा जीसीडी ऑपरेटर से साझा किया है। इस कदम से सुनिश्चित हुआ है कि रेलवे या डीएफसीसी के निवेश के बगैर टर्मिनल विकसित हो सकता है।’

ठेका दिए जाने के 75 दिन के भीतर यह टर्मिनल चालू हो गया है।

उद्घाटन के दौरान मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि निजी क्षेत्र की रुचि इस हिसाब से अहम है क्योंकि बोली में शामिल सभी 3 कंपनियों ने शून्य राजस्व साझा के लिए बोली लगाई।

सामान्यतया टर्मिनल एक्सेस चार्ज (टीएसी) का एक निश्चित हिस्सा रेलवे द्वारा ऑपरेटर के साथ साझा किया जाता है। उदाहरण के लिए आंध्र प्रदेश में जनवरी में जीसीटी का आवंटन ग्रासिम इंडस्ट्रीज को हुआथा, जिसमें रेलवे को टीएसी का 15 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा।

डीएफसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस टेंडर में शून्य राजस्व साझा वाली बोली की जंग के कारण रेलवे बोर्ड के भीतर पुनर्विचार करना पड़ा। यह टर्मिनल नए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए पथ प्रदर्शक होगा।’

प्रिस्टाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक लुधियान के फ्रेट एग्रीगेटर को राजस्व जुटाने के लिए टर्मिनल ने अनोखा अवसर दिया है।

फर्म के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘तमाम ऐसे शहर हैं, जहां से सिंगल स्टैक कंटेनर लुधियाना में डबल स्टैकिंग के लिए भेजे जाते हैं और प्रायः पूरी आपूर्ति श्रृंखला में देरी हो जाती है। इस टर्मिनल के माध्यम से हम इंतजार की अवधि कम कर सकेंगे। साथ ही ढुलाई की मात्रा भी बढ़ेगी। यही वजह है कि हमने टर्मिनल एक्सेस चार्ज (टीएसी) में कोई दावा बोली के दौरान नहीं किया है। हमें जीसीटी के मुनाफे को लेकर भरोसा है।’

First Published - April 21, 2023 | 12:05 AM IST

संबंधित पोस्ट