आंध्र प्रदेश सरकार ने आज विश्व के सबसे पुराने बंदरगाह संचालक एपीएम टर्मिनल्स के साथ प्रदेश के रामायपट्टनम, मछलीपट्टनम और मुलापेटा बंदरगाहों में बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए 9,000 करोड़ रुपये के निवेश से करार किया है।
एपीएम टर्मिनल्स दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी डेनमार्क की मेर्सक की एक सहायक कंपनी है। इस साल की शुरुआत में मेर्सक ने भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे में 5 अरब डॉलर के निवेश की योजना की घोषणा की थी, जो बंदरगाहों, टर्मिनलों और भूमि-आधारित सुविधाओं के लिए होगी। शिपिंग और बंदरगाह परिचालन के जरिये मेसर्क 130 देशों में काम करती है।
सरकार के सूत्र ने बताया कि राज्य को समुद्री व्यापार के लिए पूर्वी तट के प्रवेश द्वार में बदलने का प्रयास है। सूत्र ने कहा, ‘9,000 करोड़ रुपये के निवेश से एपीएम टर्मिनल्स रामायपट्टनम, मछलीपट्टनम और मुलापेटा बंदरगाहों में बुनियादी ढांचे का विकास और आधुनिकीकरण करेगी। कंपनी इन बंदरगाहों पर आधुनिक टर्मिनल और कार्गो हैंडलिंग प्रणाली स्थापित करेगी और संचालन भी करेगी।’
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही इस करार करीब 10,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के दौरान नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि एपीएम टर्मिनल्स की सेवाओं से पूरे भारत में घरेलू माल ढुलाई को भी लाभ होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि बंदरगाहों के आसपास एक आर्थिक परिवेश तैयार किया जाना चाहिए। उनका लक्ष्य विश्वस्तरीय बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स के जरिये आंध्र प्रदेश को भविष्य के लिए तैयार अर्थव्यवस्था बनाना है।