महाराष्ट्र

Maharashtra: सोयाबीन, मूंग और उड़द की MSP पर खरीद शुरू; किसानों के लिए पंजीकरण खुले

महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में चालू डिजिटल सर्वेक्षण की समय सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब डिजिटल सर्वेक्षण के तहत पंजीकरण बहुत धीमा है।

Published by
सुशील मिश्र   
Last Updated- October 30, 2025 | 6:58 PM IST

सोयाबीन , मूंग और उड़द जैसी कृषि वस्तुओं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की गई है। खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 30 अक्टूबर से शुरू हो गई है, जबकि कपास खरीद के लिए पंजीकरण 1 सितंबर, 2025 से कपास किसान ऐप के माध्यम से शुरू हो गया है। किसान ऐप के माध्यम से या खरीद केंद्र पर पंजीकरण करा सकते हैं। एमएसपी के अनुसार पूरी राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की जाएगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में चालू डिजिटल सर्वेक्षण की समय सीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर तक करने का फैसला लिया है।

इस वर्ष सरकार ने 3.30 लाख क्विंटल मूंग , 32.56 लाख क्विंटल उड़द और 18.50 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल, महाराष्ट्र ने रिकॉर्ड 11.21 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदा था। विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों द्वारा बिक्री के लिए लाए जाने वाले सभी सोयाबीन , मूंग और उड़द कृषि उत्पादों को खरीदने की योजना बनाई है। केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को केंद्र बिंदु मानकर काम कर रही हैं।

खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए प्रभावी उपाय

इस साल, केंद्र सरकार ने सोयाबीन का एमएसपी 436 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,328 रुपये कर दिया है। साथ ही, उड़द का एमएसपी 7,800 रुपये और मूंग का एमएसपी 8,768 रुपये कर दिया गया है। सरकार ने राज्य के सभी किसान उत्पादक संगठनों को एमएसपी के तहत ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से कृषि उपज के लिए पारदर्शी खरीद प्रक्रिया को लागू करने का निर्देश दिया है ।

Also Read: किसानों को बड़ी राहत! केंद्र सरकार ने पीली मटर पर लगाया 30% आयात शुल्क

निगरानी टीम का गठन

खरीद पंजीकरण प्रक्रिया 30 अक्टूबर से शुरू होगी और किसान केंद्र पर या ऐप के माध्यम से पंजीकरण कराकर अपनी सुविधानुसार तिथि और समय तय करके कृषि उपज खरीद केंद्रों पर लाएं। खरीद प्रक्रिया केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार संचालित की जाएगी। जिला और तालुका स्तर पर शिकायत निवारण प्रकोष्ठ और शिकायत दर्ज करने के लिए संपर्क नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे। खरीद प्रक्रिया पर प्रभावी नियंत्रण रखने के लिए जिला कलेक्टर , जिला उप पंजीयक, कृषि अधिकारी और पुलिस प्रशासन की एक सतर्कता टीम गठित की गई है।

तीन राज्य स्तरीय नोडल संस्थाओं की नियुक्ति

खरीद प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए तीन राज्य स्तरीय नोडल संगठन नियुक्त किए गए हैं – महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन महासंघ, मुंबई , विदर्भ सहकारी विपणन महासंघ, नागपुर और महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड, पुणे। इसमें पहली बार कृषि उपज मंडी समिति को भी खरीद केंद्र नियुक्त किया गया है।

कपास खरीद गारंटी मूल्य योजना के अंतर्गत

राज्य की प्रमुख नकदी फसल कपास के लिए भी एमएसपी पर खरीद जारी है। मंत्री ने बताया कि कॉटन किसान ऐप के माध्यम से पंजीकरण 1 सितंबर, 2025 से शुरू किया और अब तक 3.75 लाख से अधिक किसान पंजीकरण करा चुके हैं । पिछले साल कपास का दाम 7521 रुपये था , इस साल बढ़ोतरी करते हुए 8110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। यानी 589 रुपये की बढ़ोतरी। पिछले साल छह लाख सत्ताईस हज़ार किसानों से 10,714 करोड़ रुपये मूल्य का रिकॉर्ड 144 लाख क्विंटल कपास खरीदा गया था। इसी वजह से इस साल खरीद केंद्रों की संख्या 124 से बढ़ाकर 170 कर दी गई है।

डिजिटल फसल सर्वेक्षण की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक बढ़ाई

महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में चालू डिजिटल सर्वेक्षण की समय सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब डिजिटल सर्वेक्षण के तहत पंजीकरण बहुत धीमा है। आंकड़ों के अनुसार, इस पहल के तहत अब तक केवल 36 प्रतिशत फसल क्षेत्र का ही पंजीकरण हो पाया है। इस धीमी गति को देखते हुए ई-फसल सर्वेक्षण की समय सीमा 30 नवंबर तक बढ़ाई गई है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी किए हैं कि वे बढ़ाई गई समय सीमा के भीतर 100 प्रतिशत फसल निरीक्षण सुनिश्चित करें।

समय सीमा में बढ़ोतरी का फैसला इसलिए आवश्यक था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अपंजीकृत फसलों के कारण किसान प्राकृतिक आपदा राहत, फसल बीमा और ऋण योजनाओं के लाभ से वंचित न रह जाएं। डिजिटल सर्वेक्षण एक मोबाइल-आधारित प्रणाली है जिसके द्वारा किसान अपनी फसलों का रिकॉर्ड दर्ज करते हैं। यह प्रणाली जियो-फेंसिंग और सैटेलाइट इमेजरी जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करती है। इसका उद्देश्य योजना, उत्पादन अनुमान और किसानों को लाभ हस्तांतरण के लिए एक विश्वसनीय डेटाबेस बनाना है।

First Published : October 30, 2025 | 6:58 PM IST