facebookmetapixel
एफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशनउच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चा

भारत में तुर्किये के सामान का बहिष्कार, पर्यटन और व्यापार पर पड़ेगा असर; यात्रा बुकिंग में 60% की गिरावट

देश की भावनाओं के साथ जुड़ते हुए कुछ भारतीय यात्रा एवं बुकिंग फर्मों ने तुर्किये के लिए अपनी बुकिंग अस्थायी रूप से निलंबित कर दी है।

Last Updated- May 14, 2025 | 11:17 PM IST
Tayyip Erdogan
तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन | फाइल फोटो

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये के पाकिस्तान को खुले समर्थन के कारण भारतीयों का गुस्सा उसके सामान के बहिष्कार के रूप में फूट रहा है। लोग उसके सामान से ही मुंह नहीं मोड़ रहे, बल्कि पर्यटन और अन्य गतिविधियों के लिए वहां नहीं जाने का भी आह्वान कर रहे हैं।

देश की भावनाओं के साथ जुड़ते हुए कुछ भारतीय यात्रा एवं बुकिंग फर्मों ने तुर्किये के लिए अपनी बुकिंग अस्थायी रूप से निलंबित कर दी है। मेकमाईट्रिप की प्रवक्ता तनुप्रिया चौधरी ने कहा कि पिछले एक सप्ताह के दौरान अजरबैजान और तुर्किये के लिए यात्रियों की बुकिंग में 60 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि टिकट रद्द कराने के मामलों में भी 250 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

यह रुझान ऐसे समय देखने को मिला रहा है जब तुर्किये जाने वाले भारतीयों की संख्या अब तक के उच्चतम स्तर पर है। वर्ष 2009 में लगभग 55,000 भारतीय पर्यटक तुर्किये गए थे। महामारी से पहले 2019 में यह संख्या 2,30,131 तक पहुंच गई थी। उसके बाद 2024 में 3,30,985 भारतीयों ने छुट्टियां मनाने के लिए तुर्किये के समुद्री तटों का रुख किया। 

भारत तुर्किये के साथ माल व्यापार अधिशेष बनाए रखता है। हालांकि, यह व्यापार अधिशेष पिछले दो वर्षों से घट रहा है। इस बीच, तुर्किये के निवेशकों से भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का स्टॉक 2018 से गिर गया है। दूसरी ओर, तुर्किये में भारत का एफडीआई 2018 से लगातार बढ़ रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि भारतीय हवाई अड्डों पर बेड़े के रखरखाव और कार्गो सेवाओं में लगीं सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज और टर्किश टेकनिक जैसी तुर्किये की कंपनियां भारत और पाक के बीच छिड़े संघर्ष की तपिश का सामना कर सकती हैं। सेलेबी वर्तमान में नौ प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों पर काम कर रही है, जो उसके कुल व्यवसाय का 25 प्रतिशत है। यह फर्म भारत में सालाना 58,000 से अधिक उड़ानों का प्रबंधन करती है और लगभग 5,40,000 टन कार्गो का प्रबंधन करती है, जिसमें लगभग 7,800 कर्मचारी कार्यरत हैं। 

First Published - May 14, 2025 | 10:40 PM IST

संबंधित पोस्ट