facebookmetapixel
क्या इंश्योरेंस लेने के बाद होने वाली बीमारी क्लेम या रिन्यूअल को प्रभावित करती है? आसान भाषा में समझेंक्या टेक कंपनियां गलत दांव लगा रही हैं? Meta AI के अगुआ यान लेकन ने ‘LLM’ की रेस को बताया गलत41% अपसाइड के लिए Construction Stock पर खरीदारी की सलाह, ₹45 से नीचे कर रहा ट्रेडPM Kisan 21st installment: कब आएगा किसानों के खातें में पैसा? चेक करें नया अपडेटलाइफ सर्टिफिकेट जमा करना चाहते हैं? घर बैठे आधार की मदद से चुटकियों में होगा काम!पिछले 5 साल में कंपनियों ने IPO से जुटाए ₹5.39 लाख करोड़, इश्यू के औसत साइज में भी इजाफाडिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट रिजेक्ट हो गया? जानिए ऐसा क्यों होता है और इसे कैसे ठीक कर सकते हैंआंध्र प्रदेश बनेगा भारत का पहला गीगा-स्केल इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी हब, अनंतपुर में लगेगी ‘Sky Factory’2026 में बॉन्ड से पैसा बनाना चाहते हैं? निवेश से पहले जान लें Axis AMC की खास स्ट्रैटेजीNFO Alert: म्युचुअल फंड बाजार में आया एक नया लिक्विड फंड, ₹5,000 से निवेश शुरू; क्या है इसमें खास?

Odisha Train Tragedy : शव रखने के लिए इस्तेमाल स्कूल की पुरानी इमारत को गिराने का काम शुरू

Last Updated- June 09, 2023 | 4:32 PM IST
Odisha Train Accident: Railways started high-level inquiry into the accident, said: 'Kavach' system not available on the route

ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को 65 साल पुराने बाहानगा हाई स्कूल की इमारत को गिराना शुरू कर दिया जिसका इस्तेमाल कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना में मारे गये लोगों के शव रखने के लिए अस्थायी रूप से किया जा रहा था।

विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के सदस्यों और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में इमारत को गिराया जा रहा है। एसएमसी ने कहा था कि विद्यालय भवन पुराना है और सुरक्षित नहीं है, वहीं बच्चे भी इसलिए स्कूल नहीं आ रहे हैं क्योंकि कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव वहां रखे गए थे। इसके बाद इमारत को गिराने का फैसला किया गया। अभिभावकों ने भी इमारत को ढहाने की मांग की थी।

एसएमसी के फैसले और स्थानीय लोगों एवं अभिभावकों के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को मुख्य सचिव समेत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और संस्थान के पुनर्निर्माण की मंजूरी दी। उन्होंने पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला और डिजिटल कक्षाओं समेत आधुनिक सुविधाओं के साथ आदर्श विद्यालय का निर्माण करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।

ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे में 288 यात्रियों की मौत हुई थी तथा 1,200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस दुर्घटना के तुरंत बाद, 65 साल पुराने इस स्कूल भवन में कफन में लिपटे शवों को रखा गया था।

स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) ने शुरू में शव रखने के लिए केवल तीन कक्षाओं की अनुमति दी थी। बाद में जिला प्रशासन ने पहचान के लिए शवों को रखने के लिए स्कूल के हॉल का इस्तेमाल किया था। दो दिन बाद शवों को राज्य सरकार ने स्कूल से हटा कर भुवनेश्वर के विभिन्न अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया था।

अधिकारियों ने बताया कि अब तक 200 से अधिक शवों की पहचान हो चुकी है और उन्हें उनके परिजन को सौंपा जा चुका है, लेकिन करीब 80 शवों की न तो अब तक पहचान हो पाई है और न ही उनके लिए किसी ने दावा किया है। ये शव भुवनेश्वर स्थित एम्स के शवगृह में रखे हैं।

First Published - June 9, 2023 | 4:32 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट