दक्षिण भारत में चाय की नीलामी के लिए लागू ‘भारत नीलामी’ मॉडल मार्च के अंत से उत्तर भारत में भी शुरु कर दिया जाएगा। चाय उद्योग के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस नीलामी की प्रायोगिक परियोजना एक मार्च को आयोजित की जाएगी ताकि हितधारक सभी पहलुओं का परीक्षण कर सकें। इसके बाद 22 मार्च, 2023 से भारत नीलामी मॉडल को कोलकाता, गुवाहाटी और सिलीगुड़ी में पेश किया जाएगा।
कलकत्ता चाय व्यापारी संघ (CTTA) के सचिव जे कल्याणसुंदरम ने कहा, ‘अभी की मौजूदा अंग्रेजी नीलामी प्रणाली 22 मार्च से ‘भारत नीलामी मॉडल’ में बदल जाएगी। इसके पहले एक मार्च को परीक्षण के लिए प्रायोगिक नीलामी आयोजित की जाएगी।’
CTTA कोलकाता में नीलामी आयोजित करता है जबकि चाय नीलामी समिति यह काम सिलीगुड़ी और गुवाहाटी में करती है। कल्याणसुंदरम ने कहा कि दक्षिण भारत में नई नीलामी व्यवस्था पहले से ही चल रही है। उन्होंने कहा कि वहां नीलामी में शामिल चाय की मात्रा उत्तर भारत की तुलना में बहुत कम है।
उन्होंने कहा, ‘देश में नीलामी के माध्यम से बेची जाने वाली 60 करोड़ किलोग्राम चाय में से उत्तर भारत का हिस्सा 70 फीसदी है जबकि शेष हिस्सा दक्षिण भारत का है।’ हालांकि मौजूदा नीलामी प्रणाली से दूसरी प्रणाली की ओर जाने के संबंध में अंशधारकों का एक तबका आलोचना कर रहा है, लेकिन चाय बोर्ड इस बात पर कायम रहा है कि उसे नई प्रक्रिया को पूरे भारत में लागू करना है।
चाय बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘पूरे भारत में भारत नीलामी मॉडल को लागू करने के लिए चाय बोर्ड को अधिकृत किया गया है। आलोचनाएं सिर्फ बदलाव को लेकर प्रतिरोध को दर्शाती हैं। अंग्रेजी नीलामी प्रणाली 2008-09 से ही लागू है।’
चाय कारोबार के कई दलालों का मानना है कि अंग्रेजी प्रणाली अच्छी तरह से काम कर रही थी और इसमें बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है। वर्ष 2022 में उत्तर और दक्षिण भारत में नीलामी के माध्यम से 59.05 करोड़ किलोग्राम चाय की बिक्री की गई थी।