facebookmetapixel
देशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोर

UGC के नए नियम: अब छात्रों को 12वीं के विषयों की बाध्यता नहीं, नई दिशा में पढ़ाई की मिलेगी स्वतंत्रता

यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने के अनुसार नए नियम छात्रों को पाठ्यक्रम अपनाने संबंधी कई कड़े नियमों से राहत देकर आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए काफी स्वतंत्रता देंगे।

Last Updated- December 05, 2024 | 10:43 PM IST
New rules of UGC: Now students are not bound to 12th subjects, will get freedom to study in a new direction UGC के नए नियम: अब छात्रों को 12वीं के विषयों की बाध्यता नहीं, नई दिशा में पढ़ाई की मिलेगी स्वतंत्रता

अब छात्र स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कला, विज्ञान या अन्य किसी भी विषय में दा​खिला ले सकते हैं। भले ही उन्होंने 12वीं में अन्य विषयों में पढ़ाई की हो। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय अथवा विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा। नए नियम जारी करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों के लिए राहत के दरवाजे खोल दिए हैं। यूजीसी ने गुरुवार को मसौदा नियमों का ऐलान करते हुए स्नातक और परास्नातक डिग्री के लिए न्यूनतम मानक तय कर दिए।

यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने के अनुसार नए नियम छात्रों को पाठ्यक्रम अपनाने संबंधी कई कड़े नियमों से राहत देकर आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए काफी स्वतंत्रता देंगे। इससे छात्रों को नए क्षेत्रों में पढ़ाई के अवसर मिलेंगे।

मसौदा नियमों में कहा गया है, ‘छात्रों द्वारा 12वीं स्तर पर किन्हीं भी विषयो में पढ़ाई की गई हो, लेकिन यदि वे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा पास कर लेते हैं तो यूजीसी द्वारा कराए जाने वाले किसी भी पाठ्यक्रम में दा​खिला लेने के पात्र हो जाएंगे और आगे पढ़ाई के लिए वे अपनी पसंद के विषय चुन सकेंगे।’

इन नियमों में विश्वविद्यालयों और संस्थानों को यह भी छूट दी गई है कि अकादमिक एवं ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध होने की ​स्थिति में वे प्रवेश और निकास प्रावधानों के तहत स्तनाक स्तर पर दूसरे, तीसरे या चौथे साल में तथा परास्नातक स्तर पर दूसरे साल में भी छात्रों को दा​खिला दे सकते हैं।

आयोग ने छात्रों को इसकी भी छूट दे दी है कि वे स्नातक और परास्नातक स्तर पर एक साथ दो विषयों, दो संस्थानों में पढ़ाई जारी रख सकते हैं। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने स्नातक या स्नात्कोत्तर स्तर पर छात्रों को स्कूली ​शिक्षा के दौरान पढ़े विषयों की बाध्यता से छूट दे दी है।’

First Published - December 5, 2024 | 10:32 PM IST

संबंधित पोस्ट