facebookmetapixel
सेबी ने IPO नियमों में ढील दी, स्टार्टअप फाउंडर्स को ESOPs रखने की मिली मंजूरीNepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: पीएम ओली का इस्तीफा, एयर इंडिया-इंडिगो ने उड़ानें रद्द कीं; भारतीयों को नेपाल न जाने की सलाह

UGC के नए नियम: अब छात्रों को 12वीं के विषयों की बाध्यता नहीं, नई दिशा में पढ़ाई की मिलेगी स्वतंत्रता

यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने के अनुसार नए नियम छात्रों को पाठ्यक्रम अपनाने संबंधी कई कड़े नियमों से राहत देकर आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए काफी स्वतंत्रता देंगे।

Last Updated- December 05, 2024 | 10:43 PM IST
New rules of UGC: Now students are not bound to 12th subjects, will get freedom to study in a new direction UGC के नए नियम: अब छात्रों को 12वीं के विषयों की बाध्यता नहीं, नई दिशा में पढ़ाई की मिलेगी स्वतंत्रता

अब छात्र स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कला, विज्ञान या अन्य किसी भी विषय में दा​खिला ले सकते हैं। भले ही उन्होंने 12वीं में अन्य विषयों में पढ़ाई की हो। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय अथवा विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा। नए नियम जारी करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों के लिए राहत के दरवाजे खोल दिए हैं। यूजीसी ने गुरुवार को मसौदा नियमों का ऐलान करते हुए स्नातक और परास्नातक डिग्री के लिए न्यूनतम मानक तय कर दिए।

यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने के अनुसार नए नियम छात्रों को पाठ्यक्रम अपनाने संबंधी कई कड़े नियमों से राहत देकर आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए काफी स्वतंत्रता देंगे। इससे छात्रों को नए क्षेत्रों में पढ़ाई के अवसर मिलेंगे।

मसौदा नियमों में कहा गया है, ‘छात्रों द्वारा 12वीं स्तर पर किन्हीं भी विषयो में पढ़ाई की गई हो, लेकिन यदि वे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा पास कर लेते हैं तो यूजीसी द्वारा कराए जाने वाले किसी भी पाठ्यक्रम में दा​खिला लेने के पात्र हो जाएंगे और आगे पढ़ाई के लिए वे अपनी पसंद के विषय चुन सकेंगे।’

इन नियमों में विश्वविद्यालयों और संस्थानों को यह भी छूट दी गई है कि अकादमिक एवं ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध होने की ​स्थिति में वे प्रवेश और निकास प्रावधानों के तहत स्तनाक स्तर पर दूसरे, तीसरे या चौथे साल में तथा परास्नातक स्तर पर दूसरे साल में भी छात्रों को दा​खिला दे सकते हैं।

आयोग ने छात्रों को इसकी भी छूट दे दी है कि वे स्नातक और परास्नातक स्तर पर एक साथ दो विषयों, दो संस्थानों में पढ़ाई जारी रख सकते हैं। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने स्नातक या स्नात्कोत्तर स्तर पर छात्रों को स्कूली ​शिक्षा के दौरान पढ़े विषयों की बाध्यता से छूट दे दी है।’

First Published - December 5, 2024 | 10:32 PM IST

संबंधित पोस्ट