गर्मी से संबंधित बीमारियां मुंबई में तेजी से फैल रही हैं। बीते कुछ ही दिनों में ऐसी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में 10 से 20 फीसदी इजाफा हुआ है। महानगर में लू का थपेड़ा आ चुका है और तापमान 41 से 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो पिछले पांच साल में एक रिकॉर्ड है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है और उनके शरीर में पानी की कमी, थकावट और लू लगने जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं।
मुंबई के फोर्टिस, कोकिलाबेन, पीडी हिंदुजा, होली फैमिली, जूपिटर और नानावटी जैसे प्रमख अस्पतालों की इमरजेंसी में लू पीड़ित मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं। कई अस्पतालों में इनके इलाज के लिए अलग और विशेष व्यवस्था की जा रही है। बांद्रा के होली फैमिली अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में गर्मी संबंधित मरीजों की संख्या में 15 से 20 फीसदी बढ़ोतरी हो गई है। इसी तरह इमरजेंसी में गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन और लू लगने से बेहाल मरीज भी पहले के मुकाबले 10 फीसदी अधिक आ रहे हैं।
होली फैमिली अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक अनुपमा सरदाना कहती हैं, ‘3 से 15 साल के बच्चों को गर्मी संबंधी बीमारियां जल्दी अपनी चपेट में लेती हैं, क्योंकि वे पढ़ाई और खेल गतिविधियों के लिए घर के बाहर अधिक निकलते हैं।’ गर्मी संबंधी तमाम दिक्कतों वाले मरीजों का अलग इलाज करने के लिए होली फैमिली में विशेष आपातकालीन विभाग बनाया गया है जिसमें सभी जरूरी उपकरणों और दवाओं की व्यवस्था की गई है।
वाशी के फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन और डायबेटोलॉजिस्ट फराह इंगले के अनुसार भीषण गर्मी से पीड़ित मरीजों की संख्या 10 फीसदी बढ़ी है।
मरीजों में लू लगने, तेज बुखार, दिल की धड़कनें बढ़ने, मिचली आने, गर्म और रुखी त्वचा, सुस्ती जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं। यही हाल पीडी हिंदुजा अस्पताल का है जहां लू पीड़ित मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं। आंतरिक चिकित्सा के कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. नीलेश मोरे ने कहा, ‘हमारे यहां शरीर में पानी की कमी, लू के मरीज अधिक आ रहे हैं। इनमें बुजुर्गों एवं बाहर काम करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है।’
लोग गर्मी संबंधी बीमारियों के अलावा वायरल संक्रमण और टाइफाइड के शिकार भी हो रहे हैं। इसकी वजह प्रदूषित खाना और पानी हो सकता है। कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में कंसल्टेंट बीए चौरसिया ने बताया कि उनके यहां पिछले महीनों के मुकाबले बुखार के मरीजों की संख्या में 20-25 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। जांच में 50 फीसदी को टाइफाइड निकल रहा है।
चिकित्सा विशेषज्ञों ने गर्मी संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए अधिक से अधिक पानी पीने, शराब और कैफीन के सेवन से बचने के साथ हल्के, ढीले कॉटन कपड़े पहनने की सलाह दी है। उन्होंने बच्चों और बुजुर्गों का खान-पान में खास ख्याल रखने की भी बात कही है।
विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में उत्तर भारत के दिल्ली जैसे शहरों में भी गर्मी बढ़ेगी। इससे यहां भी लोगों को स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि मुंबई, दिल्ली और बेंगलूरु जैसे शहरों में भीषण गर्मी के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम बढ़ता जा रहा है।