केंद्र सरकार ने संसद सदस्यों (MPs) और पूर्व सांसदों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अतिरिक्त पेंशन में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, संशोधित वेतन संरचना 1 अप्रैल, 2023 से पीछे की तारीख से लागू की जाएगी। सांसदों का वेतन 24 प्रतिशत बढ़ाया गया है, जो ₹1 लाख से बढ़कर ₹1,24,000 प्रति माह हो गया है। दैनिक भत्ता भी संशोधित कर ₹2,500 प्रति दिन कर दिया गया है, जबकि पेंशन को बढ़ाकर ₹31,000 प्रति माह किया गया है। पांच साल से अधिक सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन भी ₹2,000 से बढ़ाकर ₹2,500 प्रति माह कर दी गई है।
यह संशोधन सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के तहत किया गया है और यह आयकर अधिनियम, 1961 में दिए गए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक पर आधारित है। वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और कार्यालय भत्ते को मिलाकर अब सांसदों को कुल मासिक पारिश्रमिक ₹2,54,000 मिलेगा। इसके अलावा, जब संसद सत्र में होती है, तो उन्हें दैनिक भत्ता भी मिलता है।
पिछली वेतन वृद्धि 2018 में हुई थी, जब सांसदों का वेतन ₹1 लाख प्रति माह किया गया था। उस साल, तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हर पांच साल में मुद्रास्फीति (inflation) से जुड़ी स्वचालित वेतन वृद्धि का प्रस्ताव पेश किया था।
वेतन के अलावा, सांसदों को कई भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं। उन्हें निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (Constituency Allowance) के रूप में ₹70,000 प्रति माह और कार्यालय भत्ता (Office Allowance) के रूप में ₹60,000 प्रति माह दिया जाता है। सुविधाओं के तहत, सांसदों और उनके परिवारों को मुफ्त चिकित्सा देखभाल मिलती है। वे सालाना 34 घरेलू उड़ानों का लाभ उठा सकते हैं और आधिकारिक व निजी दोनों तरह के उपयोग के लिए असीमित प्रथम श्रेणी ट्रेन यात्रा की सुविधा पा सकते हैं।
सांसदों को नई दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर मुफ्त आवास भी प्रदान किया जाता है। उनके संचार खर्चों को ₹1.5 लाख प्रति वर्ष के टेलीफोन लाभ के माध्यम से कवर किया जाता है। इन सबके अलावा उन्हें हर साल 50,000 यूनिट मुफ्त बिजली और 4 लाख लीटर मुफ्त पानी आवंटित किया जाता है।