गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को बताया गया कि ओरेवा समूह ने मोरबी केबल पुल हादसे के पीड़ितों के लिए अंतरिम मुआवजे की 50 फीसदी रकम जमा कर दी है।
कंपनी ने मुख्य न्यायाधीश ए.जे. देसाई और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ को बताया कि पहली किस्त (कुल राशि का 50 फीसदी) 14 मार्च को जमा कर दी गई थी और बाकी का भुगतान 11 अप्रैल या उससे पहले किया जाएगा।
बता दें कि ओरेवा समूह (अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड) मोरबी में मच्छू नदी पर बने ब्रिटिश कालीन पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था, जो 30 अक्टूबर, 2022 को ढह गया था। हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 56 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे।
कंपनी ने इससे पहले प्रस्ताव दिया था कि जिन लोगों की हादसे में मौत हो गई है, वह उनके परिवार को 5 लाख रुपये देगी और जो लोग घायल हुए हैं उन्हें 1 लाख रुपये का मुआवजा देगी। हालांकि 22 फरवरी को गुजरात हाईकोर्ट ने कंपनी के अंतरिम प्रस्ताव को न मानते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया और यह निर्देश दिया कि समूह मृत व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये और हादसे में घायल हुए लोगों को 2 लाख रुपये का भुगतान करे।
हाईकोर्ट ने इस हादसे को लेकर एक जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लिया था और अब यह मामले की सुनवाई कर रहा है।
सोमवार को हाईकोर्ट ने ओरेवा समूह के हलफनामे को रिकॉर्ड में लिया। समूह ने बची धनराशि के भुगतान के लिए कोर्ट से और वक्त की मांग की थी, ऐसे में हाईकोर्ट ने कंपनी को शेष राशि जमा करने के लिए समय प्रदान किया है।
मामले की अगली सुनवाई अब 18 अप्रैल को होगी ।
हाईकोर्ट ने यह भी बताया कि ओरेवा समूह ने कुल देय भुगतान की आधी राशि जमा कर दी है जिसे पीड़ित परिवार के बैंक अकाउंट में सीधा जमा कर दिया जाएगा, और बची राशि के लिए एक FD अकाउंट खोला जाएगा।
हाईकोर्ट ने कहा कि एफडी अकाउंट को एक राष्ट्रीयकृत बैंक (nationalized bank) में खोला जाएगा और उसका संचयी सावधि जमा (FD) में निवेश किया जाएगा। इसकी अवधि भी पांच वर्ष के लिए होगी।