प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: PTI
Maharashtra Monsoon 2025: महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश ने बड़े पैमाने पर फसलों को प्रभावित किया है। राज्य में समय से पहले मानसून के सक्रिय होने से किसानों की चिंताएं और बढ़ गई है। आम, अनार, नींबू जैसी बागवानी फसलों के साथ साथ बाजरा, मक्का की फसल भी प्रभावित हुई है। बारिश की सबसे ज्यादा मार प्याज किसानों पर पड़ी है। इसके अलावा सोयाबीन और उड़द एवं मूंग जैसी फसलों के प्रभावित होने की भी आशंका जताई जा रही है। हालांकि, सरकार ने तत्काल फसलों का पंचनामा करके नुकसान की भरपाई करने के निर्देश दिये हैं।
मई महीने में हो रही बारिश के कारण 29,483 हेक्टेयर फसलें, खासतौर पर आम, अनार, संतरा, मीठा नींबू और सब्जियों जैसी बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचा है। नासिक में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। भारी बारिश के कारण बागवानी के आलावा बाजरा, मक्का, जैसी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। किसानों को इस बारिश ने परेशान कर दिया है, खासकर मराठवाड़ा और विदर्भ के ऐसे किसान जो आगामी खरीफ सीजन के लिए अपने खेतों को तैयार करने में जुटे थे।
किसानों के मुताबिक सोयाबीन के लिए जुताई और कतार बनाने के मामले में खेत की तैयारी अभी पूरी नहीं हुई है। बारिश ने काम रोक दिया है। बुवाई का काम खेत में पर्याप्त नमी होने के बाद भी शुरू होता है। मूंग और उड़द जैसी फसलों के लिए बुवाई का समय कम होता है, जबकि कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए यह समय लंबा होता है। किसानों को चिंता है कि कहीं यह बारिश बुवाई के दौरान मुश्किल न बन जाए।
कोंकण, नासिक, पुणे, कोल्हापुर, छत्रपति संभाजीनगर, लातूर, अमरावती और नागपुर में प्याज उत्पादक क्षेत्रों में 6 मई से ही बेमौसम बारिश हो रही थी और अब मानसूनी बारिश शुरु हो गई है। जिसमें सबसे ज्यादा प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने बताया कि बारिश में हजारों एकड़ में लगी प्याज की फसल बर्बाद हो गई है। हालांकि, वास्तविक नुकसान का अभी पता नहीं चल पाया है क्योंकि बारिश जारी है और स्थिति का कोई भी आकलन नहीं किया गया है। धुले, नासिक, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे, सोलापुर, बीड, धाराशिव, अकोला, जालना, बुलढाणा और जलगांव के प्याज उत्पादक जिलों में बेमौसम बारिश हुई है। कीमतें पहले से ही कम थीं और बेमौसम बारिश के कारण और भी गिर गई हैं।
किसान एक साल पहले से ही रबी सीजन की तैयारी शुरू कर देते हैं जिसमें अगस्त-सितंबर 2024 में नर्सरी लगाई जाती है और नवंबर से जनवरी तक फिर से रोपाई की जाती है । इस साल मार्च से पहले फसल काटने वाले किसानों को प्रति एकड़ अच्छी उपज मिली है । वहीं अप्रैल-मई में कटाई करने वाले किसान उतने भाग्यशाली नहीं रहे हैं क्योंकि फसल को बहुत ज्यादा गर्मी और फिर बेमौसमी बारिश का सामना करना पड़ा है । सभी किसानों के पास स्टोरेज की कोई सुविधा नहीं है। जो किसान खेतों में अपनी उपज को स्टोर करते हैं वो 6 मई से हुई बारिश में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। दिघोले ने कहा कि इन किसानों की कटी हुई फसलें गीली हो गई हैं जबकि कई इलाकों में खड़ी फसलें भी खराब हो गई हैं ।
सोमवार को राज्य में भारी बारिश हुई। पुणे, सातारा, सोलापुर, रायगढ़, मुंबई और एमएमआर क्षेत्र में भारी वर्षा दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य में हो रही भारी बारिश की स्थिति को देखते हुए संपूर्ण प्रशासन को नागरिकों की मदद के लिए अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल नुकसान का पंचनामा करने के आदेश भी दिए गए हैं। पुणे के ग्रामीण इलाकों का दौरा करते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्रभावित क्षेत्रों के जिला कलेक्टरों के साथ टेलीफोन पर चर्चा की, ताकि वर्षा, बांध की स्थिति और राहत प्रयासों की प्रगति का आकलन किया जा सके। उन्होंने कृषि, फसलों, पशुधन और घरों को हुए नुकसान का तत्काल आकलन (पंचनामा) करने का आदेश दिया है।