चिलचिलाती धूम में महाराष्ट्र के हजारों किसान और आदिवासी अपने विभिन्न मांगों को लेकर नाशिक से मुंबई की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों का यह जत्था शुक्रवार को मुंबई पहुंचने वाला है। राज्य सरकार की तरफ से नाराज किसानों को मनाने की कोशिश की जा रही है।
सरकार प्याज किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान देने की घोषणा भी कर चुकी है। हालांकि अभी तक किसान संगठन पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुए है। मुंबई की ओर बढ़ रहे किसानों का कहना है कि अभी एक और दौर की बात सरकार के साथ की जाएगी इसके बाद वह आगे का फैसला लेंगे।
किसानों के पैदल मार्च का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक जीवा गावित ने बताया कि अगले दौर की बात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, संबंधित मंत्रियों और राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ की जाएगी। महाराष्ट्र के नासिक जिले से मुंबई की ओर बढ़ रहे किसानों और आदिवासियों के ठाणे जिले में प्रवेश करने के बाद मंत्री दादा भुसे और अतुल सावे ने बुधवार देर रात किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी।
गावित ने कहा कि उन्होंने हमारी 40 फीसदी मांगों पर प्रतिक्रिया दी है। हमें मिले निमंत्रण का सम्मान करते हुए हम बैठक में शामिल होंगे। गावित ने कहा कि अगर सरकार की प्रतिक्रिया असंतोषजनक रही, तो मार्च जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बुधवार रात हुई बैठक में मंत्री उनकी कुछ मांगों को लेकर सकारात्मक रहे। हालांकि, निर्णय राज्य सचिवालय में लिए जाएंगे।
बुधवार को भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किसानों को मुंबई आकर बातचीत करने का न्योता दिया था, लेकिन तब किसानों ने उनकी मांग ठुकरा दी थी। दरअसल मंगलवार को किसानों की मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक होनी थी जिसे सरकार की तरफ से टाल दिया गया था। किसान इससे खुश नहीं थे और उन्होंने फैसला लिया कि वे सरकार से बातचीत करने के लिए मुंबई नहीं जाएंगे। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्री किसानों से बातचीत के लिए ठाणे के शाहापुर आए और किसानों को मुंबई आकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से बातचीत का न्योता दिया जिसे किसानों ने स्वीकार कर लिया।
अखिल भारतीय किसान सभा की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव अजीत नवाले ने कहा कि प्याज के दाम जब भी गिरे, किसानों को सरकार से सिर्फ आश्वासन मिला, न्याय नहीं। हम दूध उत्पादकों के मुद्दे उठाते रहे हैं, लेकिन सरकार केवल आश्वासन दे रही है। किसान न्याय के लिए सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से पैदल मार्च निकाल रहे हैं।
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गौरतलब है कि राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि राज्य सरकार प्याज किसानों के साथ खड़ी रहेगी। यह सरकार किसानों की है उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता से विचार करती है और वास्तविक निर्णय लेती है।
प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर नासिक जिले के डिंडोरी शहर से अपनी पदयात्रा शुरू की थी। उनकी मांगों में प्याज की खेती करने वाले किसानों को तत्काल 600 रुपये प्रति क्विंटल की वित्तीय राहत देना, 12 घंटे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना और कृषि ऋण माफ करना शामिल है।