Maharashtra Day: महाराष्ट्र का 65वां स्थापना दिवस राज्यभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सभी राजनीतिक दलों के लोग प्रदेशवासियों को महाराष्ट्र दिवस एवं मजदूर दिवस की शुभकामनाएं दी। महाराष्ट्र दिवस पर भी नेताओं की चुनावी जुबान जमकर चली। शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने दावा किया भाजपा की पूर्ववर्ती जनसंघ 1950 के दशक में महाराष्ट्र राज्य के निर्माण के संघर्ष में हिस्सा नहीं लिया था। गुजरात के कुछ कारोबारी आज भी महाराष्ट्र के साथ भेदभाव वाली मानसिकता के तहत काम कर रहे हैं ये महाराष्ट्र का कभी भला नहीं होने देना चाह रहे हैं।
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने शिवाजी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जब बात साइबर सुरक्षा लागू करने और व्यवसायों तथा व्यक्तियों को साइबर सेवाएं प्रदान करने की आती है तो महाराष्ट्र इसमें अग्रणी है।
महाराष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत इसकी मेहनती, उद्यमशील और प्रगतिशील आबादी है। औद्योगिक विनिर्माण, वित्तीय एवं सेवा क्षेत्रों में भी यह एक अहम केन्द्र हैं। महाराष्ट्र की भौगोलिक स्थिति औद्योगिक विकास के लिहाज से अनुकूल है और राज्य घरेलू या विदेशी निवेश के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं कि वे मतदान करके लोकतंत्र के इस उत्सव में भाग लें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, स्थानीय जन प्रतिनिधि, मुख्य सचिव नितिन करीर, पुलिस महानिदेशक रश्मी शुक्ला, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, विभिन्न देशों के उच्चायुक्त, महावाणिज्य दूतावास के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हुतात्मा चौक पर संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले 105 लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि हम महाराष्ट्र को किसी का गुलाम नहीं बनने देंगे। हम महाराष्ट्र को लूटने और इसके गौरव को कुचलने की अनुमति नहीं देंगे। लोकसभा चुनाव में हम महाराष्ट्र के लुटेरों को दिखा देंगे कि इसका गौरव और साहस क्या है।
ठाकरे ने कहा कि वे कभी भी स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं थे। यहां तक कि संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में भी बीजेपी की मूल पार्टी जनसंघ ने कभी हिस्सा नहीं लिया। मेरे दादा प्रबोधनकर ठाकरे, मेरे पिता बाल ठाकरे और चाचा श्रीकांत ठाकरे उस आंदोलन में सबसे आगे थे। जनसंघ संयुक्त महाराष्ट्र समिति का हिस्सा था। उनका उद्देश्य समिति में शामिल होना, कुछ मांगना और निकल जाना था। जब चुनाव आए तो जनसंघ ने सीटों के बंटवारे को लेकर समिति को तोड़ दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि तब से ही महाराष्ट्र के प्रति उनकी दुर्भावना बनी हुई है। शिवसेना और उसके संस्थापक बाल ठाकरे ने मोदी के मुश्किल समय में उनका साथ दिया था, लेकिन मोदी अब शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
महाराष्ट्र दिवस पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कारोबार बंद रहा। शेयर बाजार के साथ डेरिवेटिव, इक्विटी, एसएलबी, करेंसी डेरिवेटिव के साथ इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव में भी काम कामकाज बंद था। राज्य के सभी प्रमुख प्रतिष्ठान, कार्यालय, बाजार बंद रहे।
गौरतलब है कि एक मई को भारत के दो राज्य महाराष्ट्र और गुजरात अपना स्थापना दिवस मनाते हैं। आजादी के समय दोनों राज्य बॉम्बे प्रदेश का हिस्सा थे। मराठी बोलने वाले लोगों के लिए अलग राज्य की मांग के बाद, 1 मई 1960 को भारत की तत्कालीन नेहरू सरकार ने बॉम्बे प्रदेश को बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960 के तहत दो राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात के रूप में बांट दिया। इसके अलावा, 1 मई को मजदूर दिवस भी मनाया जाता है।