प्रदेश में खनन क्षेत्र में निवेश को नए सिरे से प्रोत्साहन देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार गुरुवार (17 अक्टूबर) और शुक्रवार (18 अक्टूबर) को राजधानी भोपाल में ‘मध्य प्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव-2024’ का आयोजन कर रही है। अधिकारियों के मुताबिक दो दिवसीय कॉन्क्लेव के दौरान राज्य में निवेश जुटाने की कोशिशों के अलावा राज्य के खनिज संसाधनों का किफायती इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
कार्यक्रम के आरंभ में प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन प्रदेश के खनिज संसाधनों की विपुलता के बारे में जानकारी देंगे। प्रदेश के खनिज संसाधनों, निवेश के अवसरों, पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन क्षेत्रों की संभावनाओं के साथ-साथ खनन में ड्रोन तकनीक और डिजिटल संसाधनों को लेकर विशेषज्ञों के साथ चर्चा का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा कोयला, ऊर्जा, चूना-पत्थर, सीमेंट उद्योग आदि पर भी चर्चा आयोजित की जाएगी।
कॉन्क्लेव के दौरान खनन विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला जहां विभागीय प्रस्तुति देंगे वहीं एमपी कैडर की आईएएस अधिकारी और डायरेक्टर जनरल हाइड्रोकार्बन पल्लवी जैन गोहिल पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र की संभावनाओं पर चर्चा करेंगी।
मध्य प्रदेश देश के प्रमुख खनिज संसाधन संपन्न राज्यों में से एक है। प्रदेश में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज संसाधनों में कोयला, चूना-पत्थर, हीरा और पायरोफिलाइट शामिल हैं। मध्य प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। देश के कुल चूना-पत्थर भंडार का नौ फीसदी मध्य प्रदेश में जबकि देश के 90 फीसदी हीरा भंडार मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं।