Piyush Pandey Passes Away: भारतीय विज्ञापन जगत के महान क्रिएटिव दिग्गज पीयूष पांडे का 23 अक्टूबर, गुरुवार को 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके जाने से भारतीय विज्ञापन की एक अनोखी और भावपूर्ण शैली का युग समाप्त हो गया। पांडे ने हर विज्ञापन में जान, संवेदनशीलता और लोगों के जीवन की झलक भर दी।
पीयूष पांडे ने ओगिल्वी इंडिया में चार दशकों से अधिक समय तक काम करते हुए भारतीय विज्ञापन को नई पहचान और आवाज दी। अपने अनोखे अंदाज, हंसमुख व्यक्तित्व और गहरी समझ के साथ उन्होंने विज्ञापन को केवल उत्पाद प्रचार नहीं बल्कि आम लोगों के जीवन से जुड़े अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया। उनके नेतृत्व में ओगिल्वी इंडिया दुनिया की सबसे पुरस्कार विजेता एजेंसियों में से एक बन गई और कई पीढ़ियों के क्रिएटिव टैलेंट को संवारने में मदद की।
जयपुर में जन्मे पांडे ने अपने करियर की शुरुआत बचपन में ही की, जब उन्होंने अपने भाई प्रसून पांडे के साथ मिलकर घरेलू उत्पादों के रेडियो जिंगल्स में आवाज दी। इससे पहले पांडे ने क्रिकेट, चाय की टेस्टिंग और निर्माण कार्य जैसे कई पेशों का अनुभव लिया। लेकिन 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने विज्ञापन उद्योग में कदम रखा और उस समय के अंग्रेज़ी और अभिजात वर्ग केंद्रित विज्ञापन जगत को पूरी तरह बदल दिया।
पांडे द्वारा बनाए गए कैम्पेन जैसे Asian Paints (“हर खुशी में रंग लाए”), Cadbury (“कुछ खास है”), Fevicol और Hutch आज भी भारतीय विज्ञापन जगत के यादगार उदाहरण हैं। उन्होंने हिंदी और देशी बोलचाल की भाषा को विज्ञापनों में लाकर उसे आम जनता के करीब किया। उनके काम में ह्यूमर, गर्मजोशी और इंसानियत का संगम दिखाई देता था। एक सहयोगी ने कहा, “उन्होंने सिर्फ भाषा नहीं बदली, उन्होंने भारतीय विज्ञापन की संरचना और भाव ही बदल दी।”
अपनी बड़ी सफलता के बावजूद पांडे हमेशा विनम्र रहे। वह खुद को टीम का हिस्सा मानते थे, न कि अकेले सितारा। क्रिकेट के अपने शौक के चलते उन्होंने विज्ञापन को टीम स्पोर्ट से जोड़कर समझाया।
2018 में पीयूष पांडे और उनके भाई प्रसून पांडे एशियाई कलाकारों में पहले बने, जिन्हें कैनस लायन्स फेस्टिवल में लाइन ऑफ सेंट मार्क से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके भारतीय क्रिएटिविटी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के योगदान के लिए दिया गया।
पांडे का निधन न सिर्फ विज्ञापन जगत के लिए बल्कि उन लाखों लोगों के लिए भी एक बड़ी क्षति है, जिन्होंने उनके विज्ञापनों में अपनी जिंदगी के रंग और भाव देखे।