Lok Sabha Election 2024: लोक सभा सीटों की संख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश के बाद देश का दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों गठबंधनों के बीच आम सहमति नहीं बन पा रही है। भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सत्ताधारी महायुति (एनडीए) और कांग्रेस की अगुवाई वाला विपक्षी गठबंधन एमवीए दोनों ही सीट बंटवारे का फार्मूला तैयार होने का दावा कर रहे हैं लेकिन राज्य की कई सीटों पर सहयोगी दलों के बीच चल रही रस्साकशी के कारण उम्मीदवार घोषित नहीं कर पा रहे हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की कई बैठक हुई लेकिन सभी बेनतीजा रही है। महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट, भिवंडी सीट और मुंबई की दक्षिण मुंबई लोकसभा सीटों को लेकर एमवीए नेताओं के बीच तकरार बरकरार है।
सांगली लोकसभा सीट से शिवसेना (यूबीटी) पैलवान चंद्रहार पाटील के नाम का ऐलान कर चुका है। जबकि सांगली से कांग्रेस के विशाल पाटील मैदान में उतरना चाहती है। दक्षिण मुंबई से उद्धव ठाकरे ने पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल देसाई को मैदान में उतार चुकी है जबकि इस सीट से कांग्रेस पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ की बेटी और पूर्व मंत्री वर्षा गायकवाड़ को उतरना चाह रही थी। भिवंडी लोकसभा सीट शरद पवार गुट वाली एनसीपी के हिस्से चली गई जिससे कांग्रेस नाराज चल रही है।
शरद पवार की अध्यक्षता में सीट बंटवारे को लेकर गुरुवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही है। कांग्रेसी नेता बैठक छोड़कर गुस्से में चले गए। दरअसल कांग्रेस नेता नाना पटोले और बालासाहेब थोरात सांगली, भिवंडी और मुंबई की एक सीट पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) अपने दावों पर अड़े हुए हैं। अभी तक शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीटों पर, एनसीपी शरद पवार गुट ने 5 सीटों पर और कांग्रेस ने 13 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुका है।
बीजेपी और एकनाथ शिंदे शिवसेना के बीच ठाणे, पालघर, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, नासिक, संभाजीनगर और धाराशिव सहित छह लोकसभा सीटों को लेकर गतिरोध जारी है। समस्या को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच अब तक तीन दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई है। दोनों ही दल इन सीटों पर जीत की संभावना का दावा करते हुए अपने रुख पर अडिग हैं।
भाजपा ने ठाणे, पालघर, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, संभाजीनगर और नासिक पर दावा किया है, जबकि शिंदे गुट भी इन सीटों पर अपना दावा ठोक रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे प्रतिष्ठा का सवाल मानकर ठाणे सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ठाणे शिंदे का गृह क्षेत्र है। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि शिवसेना में विभाजन के बाद शिंदे गुट के पास शिवसेना यूबीटी के वर्तमान सांसद राजन विचारे को टक्कर देने के लिए कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है।
रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट पर उद्योग मंत्री उदय सामंत और उनके भाई किरण सामंत दावा कर रहे हैं। वहीं, भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे खुद इस सीट से उम्मीदवार बनने को इच्छुक हैं। पालघर और संभाजीनगर में भाजपा और शिंदे गुट दोनों दावा ठोक रहे हैं। केंद्रीय मंत्री भागवत कराड संभाजीनगर में भाजपा के संभावित उम्मीदवार हैं। शिवसेना यूबीटी ने पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे को अपना उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है।
इसके अलावा अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने नासिक सीट पर अपना दावा ठोक के सीट-बंटवारे की प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है। मौजूदा सांसद हेमंत गोडसे ने सीट-बंटवारे की प्रतीक्षा किए बिना अपना अभियान शुरू कर दिया है, जबकि भुजबल को अपनी पार्टी से टिकट मिलने का भरोसा है। भुजबल ने साफ कर दिया है कि वह नासिक सीट पर बीजेपी के कमल पर नहीं, बल्कि अपनी पार्टी के घड़ी चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे। धाराशिव सीट पर भाजपा, शिवसेना और एनसीपी तीनों अपना दावा ठोक रहे हैं।