Economic Survey 2024: आधार जैसे डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) प्लेटफॉर्म की मदद से ई-केवाईसी पुष्टि पर आने वाला खर्च 1,000 रुपये से कम होकर 6 रुपये से भी कम रह गया है। आर्थिक समीक्षा 2023-24 में यह बात सामने आई है। समीक्षा में कहा गया है कि आधार के इस्तेमाल से सत्यापन में काफी सहूलियत हो रही है और इसमें लगने वाला खर्च भी काफी कम हो गया है।
समीक्षा में कहा गया है,’भारत में नो योर कस्टमर (केवाईसी) की पुष्टि में आधार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इससे ई-केवाईसी प्रक्रिया पर आने वाला खर्च 1,000 रुपये से घट कर 6 रुपये से भी कम रह गया है। आधार की मदद से देश के लाखों लोगों तक बैंकिंग सेवा पहुंच रही है और वित्तीय समावेशन की दिशा में भी कदम तेजी से आगे बढ़े हैं।’
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) केवाईसी से जुड़े जोखिमों को लेकर सतर्क रहा है और कारोबारी इकाइयों के लिए एक अच्छी तरह परिभाषित नियमों पर जोर दिया जा रहा है। इन बातों के बीच केवाईसी पर होने वाला खर्च सार्वजनिक किया गया है।
बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल में पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) के लिए एक मसौदा नियम लाकर छोटे एवं मझोले आकार के कारोबारियों के लिए केवाईसी प्रक्रिया स्पष्ट की थी। आरबीआई ने कहा था कि पेमेंट एग्रीगेटर को कॉन्टैक्ट पॉइंट वेरिफिकेशन (सीपीवी) के साथ उस बैंक खाते का सत्यापन करना होगा जिसमें छोटे कारोबारियों की रकम का निपटान होता है।
वित्त-तकनीक (फिनटेक) क्षेत्र की कंपनियों ने कहा था कि कुछ छोटे कारोबारी पूरी केवाईसी प्रक्रिया के लिहाज से फिट नहीं बैठेंगे क्योंकि इसके लिए ऐसे ग्राहकों के प्रत्यक्ष सत्यापन (फिजिकल वेरिफिकेशन) की जरूरत होती है। फिनटेक इकाइयों ने कहा था कि इससे खर्च काफी बढ़ सकता है।