देवेंद्र सिंह से कुख्यात ‘‘बंटी चोर’’ बनने से काफी समय पहले इस महाचोर ने दिल्ली के वसंत विहार में एक निजी जासूस के तौर पर अपना कौशल दिखाया था। हालांकि, उसे यह काम उतना चुनौतीपूर्ण नहीं लगा और उसने अपनी इस कुशलता का उपयोग अन्य क्षेत्र में करने का निर्णय किया। उसके कारनामे जल्द चर्चा का विषय बन गए। पुलिस अधिकारियों ने उसकी तलाश करनी शुरू कर दी।
उसकी रूचि रत्नजड़ित गुलदान, सिरेमिक की गुड़िया और विशेष पॉमेरेनियन नस्ल के कुत्तों को चुराने में थी। अधिकारियों ने कहा कि बंटी बहुत सफाई से काम करता था और इतनी चालाकी से अपना पहनावा चुनता था कि वह किसी भी पांच सितारा होटल में या शादी समारोह में चला जाता और बिना किसी को भनक लगे किसी का लैपटॉप लेकर निकल जाता था।
वर्ष 2002 में वह साकेत में एक कारोबारी के घर में घुसा और वहां से उसने कई वस्तुएं चुराईं जिसमें कारोबारी की पत्नी और उसकी बेटी की फ्रेमयुक्त तस्वीर भी शामिल थी। उसने मयूर विहार स्थित अपने घर में इस फोटोफ्रेम को टांग रखा था और किसी को शक न हो इससे बचने के लिए वह घर आने वाले लोगों से वह कहता कि वे ‘‘उसके परिवार के सदस्य’’ हैं।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बंटी जितनी सफाई से चोरी करता था वह अक्सर उतनी ही कुशलता से उनकी हिरासत से बच निकलता था। एक अधिकारी 1993 की घटना को याद करते हुए कहा कि बंटी को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया था और उसे हवालात में रखा गया था। उसने एक छिपकली को मारा और उसे खा लिया। जब उसे उल्टियां शुरू हुईं तो उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसने महज 30 सेकंड के भीतर डिस्पोजेबल सिरींज की मदद से अपनी हथकड़ी खोल ली थी।
दिल्ली पुलिस द्वारा बंटी पर तैयार डोजियर के अनुसार, इतना ही नहीं 20 दिन बाद ही उसे चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया। इस बार उसने एक उप-निरीक्षक को भरोसे में लिया और उसका स्कूटर लेकर चंपत हो गया। डोजियर के अनुसार, बंटी ने फिर ‘‘एक महत्वपूर्ण व्यक्ति’’ के घर में सेंध लगाई और उसके पूरे घर का सामान और उसकी मारुति एस्टीम लेकर भाग निकला। वस्तुओं को चुराने के उसके नए-नए तरीकों के कारण बंटी को ‘‘सुपर चोर’’ का नाम दिया गया।
वर्ष 2010 में जेल से रिहा होने के बाद बंटी ने खुद को ऐसे पेश किया कि अब वह सुधर गया है और उसे ‘‘ज्ञान’’ की प्राप्ति हुई है और वह ब्रह्मांड को देख सकता है। लेकिन पुलिस अधिकारी उसके पैंतरे से अवगत थे और वे उसकी इन बातों से प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने गुप्त तरीके पर उसकी निगरानी जारी रखी और इस बार जब वह दिल्ली में एक बार फिर चोरी को अंजाम देने निकला तो पुलिस ने उसे मात देते हुए उसे पकड़ लिया।
अधिकारियों ने कहा कि बंटी महज नौंवी कक्षा तक पढ़ा था। उसने 14 साल की उम्र से ही चोरी करना शुरू कर दिया था और इतने वर्षों में उसने 550 से अधिक चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। इनमें से 250 से अधिक मामले सिर्फ दिल्ली में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि कुछ समय के लिए उसने वसंत विहार में निजी जासूस के तौर पर काम किया था।
एक घर में चोरी की वारदात के दौरान जब वहां के सुरक्षा गार्ड से उसका सामना हुआ तो उसने सुरक्षा गार्ड को अपनी बातों से यकीन दिला दिया कि उसका ‘‘साहब’’ हवाई अड्डा जा रहा है और गार्ड ने कार में सामान ले जाने में उसकी मदद भी की।
उन्होंने कहा कि चोरी की एक अन्य घटना में जब एक महिला की नींद खुली और उसने बंटी को उसके आभूषण चोरी करते देखा तो बंटी ने महिला को ‘‘गुड मॉर्निंग’’ (शुभ प्रभात) कहा और वहां से चंपत हो गया। यह देख महिला चकित रह गई।
बंटी ने 2010 में रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ में भी हिस्सा लिया था लेकिन कार्यक्रम के मेजबान सलमान खान से दुर्व्यवहार करने कारण उसे शो से निकाल दिया गया। बंटी के कारनामों पर ‘ओए लकी, लकी ओए’ फिल्म भी बनी है। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में हाल में अंजाम दी गई चोरी की दो घटनाओं के सिलसिले में 53 वर्षीय महाचोर को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया।
बंटी उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात का निवासी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह महाचोर कितने समय तक पुलिस की हिरासत में रहता है।