Kanchanjunga Express Train Accident: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के पास सोमवार तड़के एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी जिसमें ट्रेन के लोको पायलट सहित कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए।
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जया वर्मा सिन्हा के मुताबिक अगरतला से सियालदह जा रही ट्रेन को मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी क्योंकि मालगाड़ी के लोको पायलट ने सिग्नल को नजरअंदाज कर दिया। पिछले एक साल में यह चौथी बड़ी रेल दुर्घटना है। पिछले साल जून महीने में ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेन की दुर्घटना में 293 लोगों की मौत हो गई थी।
इस रेल दुर्घटना में हताहत लोगों में मालगाड़ी के लोको पायलट, अनिल कुमार और कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड (पीछे के कोच में तैनात) शामिल हैं। मालगाड़ी के सहायक लोको पायलट जिंदा हैं लेकिन वे गंभीर रूप से घायल हैं और सोमवार शाम तक उनका इलाज चल रहा था। यह दुर्घटना उत्तरी बंगाल के रंगापानी स्टेशन के नजदीक सुबह 8.50 बजे घटी। रेल मंत्रालय ने कहा कि 41 घायलों में से 9 गंभीर रूप से घायल हैं जबकि 32 मामूली रूप से घायल हैं।
कंचनजंगा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से में दो पार्सल वैन थी जिनमें कोई यात्री नहीं थे और इससे टक्कर का प्रभाव कम हो गया। अधिकारियों का कहना है कि अगर ये पार्सल वैन न होते तब यह दुर्घटना और गंभीर होती।
सोमवार सुबह दुर्घटनास्थल पर पहुंचने वाले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘इस दुर्घटना के पीडि़तों को बढ़ी हुई मुआवजा राशि दी जाएगी जिसके तहत मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा।’
अखिल भारतीय रेलकर्मी संघ (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मुझे यह सूचना मिली है कि लोको पायलट पिछले चार दिनों से लगातार रात्रिकालीन पाली में काम कर रहा था जबकि उसे आराम करने का वक्त दिया जाना चाहिए था लेकिन वह ड्यूटी पर था। ऐसा नहीं होना चाहिए था।’ उन्होंने कहा, ‘वहां खूब बारिश हुई थी और उस क्षेत्र में पानी भी भरा था जिसकी वजह से ऑटोमेटिक सिग्नल फेल हो सकता है।’
रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा क्योंकि इसकी जांच चल रही है। रेलकर्मियों से जुड़े समूहों ने रेलवे बोर्ड को अधिक समय तक काम करने वाले लोको पायलट कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए कहा है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने 2023 में ही यह खबर दी थी कि रेलवे बोर्ड ने उन रेलवे जोन की पहचान की थी जहां चालक दल की ड्यूटी की अवधि में नियमों का उल्लंघन हो रहा था। इसके अलावा रेलवे से जुड़े संगठनों ने संभावित रूप से व्यक्ति से गलती हो जाने वाले सिन्हा के इस बयान पर असंतुष्टि जताई है।
इंडियन रेलवे लोको रनिंगमेन ऑर्गनाइजेशन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पंधी ने कहा, ‘इस दुर्घटना के लिए लोको पायलट जिम्मेदार हैं यह कहना बेहद आपत्तिजनक है खासतौर पर तब जब उनकी मौत हो चुकी है और रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच अभी लंबित है।’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कंचनजंगा ट्रेन दुर्घटना को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है। दुर्घटना स्थल का दौरा करने से पहले मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘बहुत बड़ी-बड़ी बातें और बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं लेकिन यात्रियों की सुविधाओं के साथ समझौता हो रहा है। रेलवे पूरी तरह से अनाथ हो गया है। रेल मंत्रालय है लेकिन इसका कोई अपना अलग बजट नहीं है। यह अपने पुराने दौर का गौरव खो चुका है।’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘पिछले 10 वर्षों में रेलवे दुर्घटना में बढ़ोतरी मोदी सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा है जिसके चलते रोजाना यात्रियों के जानमाल का नुकसान हो रहा है। आज की दुर्घटना भी इसी वास्तविकता का एक उदाहरण है। एक मजबूत विपक्ष के तौर पर हम इस तरह के लापरवाही भरे रवैये पर सवाल करते रहेंगे और मोदी सरकार को इन दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराते रहेंगे।’
(साथ में ईशिता आयान दत्त)