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लिथियम भंडार की नीलामी के लिए तैयार जम्मू-कश्मीर, ऊर्जा क्षेत्र में दबदबे को तैयार भारत

Last Updated- May 02, 2023 | 11:18 PM IST
Hindustan Zinc keen to participate in lithium auctions: CEO Arun Mishra
BS

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मिले 59 लाख टन लीथियम भंडार (lithium reserves) की नीलामी इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। केंद्रीय खनन सचिव विवेक भारद्वाज ने मंगलवार को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की रिपोर्ट ‘न्यू एज एनर्जी मिनरल्स’ जारी होने के मौके पर अलग से बातचीत में यह जानकारी दी। भारद्वाज ने कहा, ‘इस साल के अंत तक नीलामी पूरी हो जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘हमने भंडार (लीथियम) की नीलामी के लिए जम्मू कश्मीर सरकार को पहले ही लेन-देन सलाहकार की सिफारिश कर दी है।’

बहरहाल पिछले महीने संसद में केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि नीलामी के सही समय के बारे में जम्मू कश्मीर के अधिकारी ही फैसला करेंगे। यह पूछे जाने पर कि लेन-देन सलाहकार का चयन कब तक हो जाएगा, भारद्वाज ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर के प्राधिकारियों को लेन-देन सलाहकार की नियुक्ति पर फैसला करना है।’ सचिव ने कहा कि लीथियम के अलावा सरकार इस इलाके में नीलम की संभावनाएं भी तलाश रही है।

इस साल फरवरी में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने केंद्र शासित इलाके में लीथियम की खोज की थी। यह गैर अयस्क धातु अहम खनिज श्रेणी में आती है और अब तक भारत में उपलब्ध नहीं थी। भारत के ऊर्जा के बदलाव का लक्ष्य को हासिल करने के लिए लीथियम अहम है। यह लीथियम आयन बैटरी बनाने का प्रमुख घटक है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ बैटरी भंडारण में होता है। इससे देश में 2030 तक निजी कारों में 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक वाहनों में 70 प्रतिशत और दोपहिया व तिपहिया वाहनों में 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन चलाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।

ईवी के अलावा सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा उत्पादन में भी लीथियम अहम है। सरकार ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन (कार्बन तटस्थता) का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत सौर और पवन ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। लीथियम ब्लॉकों की नीलामी रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारत ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकेगा। इस समय देश में लीथियम की 100 प्रतिशत मांग आयात से पूरी होती है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने 8,911 करोड़ रुपये के लीथियम आयन का आयात किया है, जिसमें से 95 प्रतिशत से ज्यादा चीन और हॉन्गकॉन्ग से आता है।

विश्व के कुल 980 लाख टन लीथियम संसाधन में सिर्फ 260 लाख टन को रिजर्व (इस्तेमाल के योग्य) के रूप में देखा जाता है। फिक्की की न्यू एज एनर्जी मिनरल्स रिपोर्ट के मुताबिक इसमें से कुल भंडार का 70 प्रतिशत भंडार चिली (36 प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (24 प्रतिशत) और अर्जेंटीना (10 प्रतिशत) के पास है।

Also Read: जम्मू में मिले लिथियम रिजर्व की जून में नीलामी करेगी सरकार : रिपोर्ट

भारत में जम्मू कश्मीर के अलावा सिर्फ कर्नाटक के मांड्या जिले के मार्लागल्ला इलाके में लीथियम भंडार की खोज की गई है। एटॉमिक मिनरल्स डायरेक्टरेट फार एक्सप्लोरेशन ऐंड रिसर्च (एएमडी) के सीमित अन्वेषण से पता चलता है कि कर्नाटक में 1,600 टन लीथियम मौजूद है। इस नीलामी से भारत के रिफाइनिंग उद्योग की चुनौतियों के समाधान में भी मदद मिलेगी। इस समय भारत में लीथियम रिफाइनिंग यूनिट नहीं हैं। बोली हासिल करने वाले को स्थानीय प्रसंस्करण इकाई भी स्थापित करनी होगी।

विश्व की कुल लीथियम रिफाइनिंग क्षमता में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की है। भारद्वाज ने कहा कि इस क्षेत्र की क्षमता के दोहन के लिए इसे निजी क्षेत्र के लिए खोलने, घरेलू अन्वेषण को बढ़ावा देने और कुशल तकनीक अपनाने की जरूरत है।

First Published - May 2, 2023 | 11:15 PM IST

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