सरकार जम्मू में मिले लिथियम रिजर्व के लिए जून तक बोलियां मंगवा सकती है। अंग्रेजी अखबार मिंट की रिपोर्ट में यह कहा गया है।
इस कदम से भारत को मोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में इस्तेमाल होने वाले रणनीतिक मिनरल्स तक पहुंच मिल सकती है।
एक अधिकारी ने मिंट को बताया, “यह एक जी-3 स्तर की खोज है, जिसका अर्थ है कि हम महत्वपूर्ण रिजर्व के बारे में सुनिश्चित हैं और इसलिए इस महत्वपूर्ण गैर-लौह धातु (non-ferrous metal) को जल्द ही खनन (mine) करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।”
जम्मू और कश्मीर के रियासी में 5.9 मिलियन टन मेटल की खोज ने भारत को लिथियम भंडार का सातवां सबसे बड़ा देश बना दिया है।
अधिकारी ने कहा कि सरकार रिजर्व को घरेलू स्तर पर ही रिफाइंड करना अनिवार्य करेगी। भारत में वर्तमान में लिथियम को रिफाइन करने की कोई सुविधा नहीं है।
भारत के लिए अपनी एनर्जी परिवर्तन योजनाओं को बढ़ावा देने को लेकर लिथियम बहुत जरूरी है। यह EV में उपयोग की जाने वाली लिथियम-आयन रिचार्जेबल बैटरी का एक प्रमुख कॉम्पोनेन्ट है।
बता दें कि चीन दुनिया के 75 प्रतिशत लिथियम रिफाइनिंग को कण्ट्रोल करता है। भारत लिथियम का इम्पोर्ट हांगकांग, चीन और अमेरिका से करतेहै। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने इस मेटल की कीमतों को बढ़ा दिया है।