JK Election: जम्मू-कश्मीर विधान सभा चुनाव के दूसरे चरण में बुधवार को 26 सीटों पर 56 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। अधिकारियों ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण रहा। जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पोले ने कहा कि हजरतबल और रियासी जैसे कुछ स्थानों पर देर शाम तक लोगों ने वोट डाले, इसलिए मतदान प्रतिशत और बढ़ सकता है। अमेरिका, नॉर्वे, सिंगापुर सहित 16 देशों के वरिष्ठ राजनयिकों ने मतदान के दौरान कश्मीर का दौरा किया और चुनाव प्रक्रिया का जायजा लिया।
निर्वाचन आयोग के अनुसार जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम तक लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से कतारों में लग कर वोट डाले। दोपहर 3 बजे तक 46.12 प्रतिशत मतदान हो चुका था और शाम होते-होते यह आंकड़ा 56.05 प्रतिशत पर पहुंच गया। अभी मतदान प्रतिशत और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कई केंद्रों पर देर शाम तक मतदान हुआ और कई जगह के आंकड़े पूरी तरह नहीं आए थे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पोले के मुताबिक कुछ जगहों पर बहस होने जैसी कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं, लेकिन कहीं भी पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं है।’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ‘इतिहास रचा’ जा रहा है। जिन स्थानों पर कभी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बहिष्कार का आह्वान किया जाता था, वहां आज मतदान केंद्रों के बाहर लोग लंबी कतारों में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस चरण का शत-प्रतिशत सीसीटीवी कवरेज हो रहा है और कोई भी भी देख सकता है कि वोट डालने के लिए युवा, महिलाएं, बुजुर्ग कतारों में खड़े हैं एवं अपनी बारी का धैर्य के साथ इंतजार कर रहे हैं।
आतंकवाद फैलने के बाद से यह शायद पहली बार है कि अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को जम्मू-कश्मीर में चुनाव के निरीक्षण की अनुमति दी गई और 16 देशों से आए वरिष्ठ राजनयिकों ने जगह-जगह जाकर मतदान का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने घाटी में पहुंचने के तुरंत बाद बडगाम जिले के ओमपोरा में मतदान केंद्रों का दौरा किया।
इसके बाद वे लाल बाग निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत चिनार बाग में अमीरा कदल और एसपी कॉलेज गए। विदेशी प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका, मेक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया, पनामा, सिंगापुर, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, तंजानिया, रवांडा, अल्जीरिया और फिलीपींस के दिल्ली स्थित दूतावासों के राजनयिक थे।
दिल्ली में अमेरिकी मिशन के उप-प्रमुख जॉर्गन के. एंड्रयूज ने कहा कि मतदान प्रक्रिया ‘स्वस्थ और लोकतांत्रिक’ दिख रही है। एंड्रयूज ने श्रीनगर के एक मतदान केंद्र पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘मतदाताओं का उत्साह देखकर बहुत अच्छा लगा। हम नतीजे देखने के लिए उत्साहित हैं। यह बहुत स्वस्थ और लोकतांत्रिक दिख रहा है।’
दक्षिण कोरिया के राजनयिक सांग वू लिम ने कहा, ‘लोकतंत्र कैसे काम करता है, यह देखना खास है।’ दिल्ली में सिंगापुर मिशन के उप-प्रमुख चेंग वेई एलिस ने कहा कि यहां मतदान का निरीक्षण करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनना अद्भुत अनुभव है।
हालांकि नैशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र के इस कदम की आलोचना की और कहा कि चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि विदेशियों को यहां चुनाव की जांच करने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए? जब दूसरे देशों की सरकारें इस पर टिप्पणी करती हैं तो भारत सरकार कहती है कि यह भारत का अंदरूनी मामला है और अब अचानक वे चाहते हैं कि विदेशी पर्यवेक्षक यहां आएं और हमारे चुनावों को देखें।’