Operation Sindoor: जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर (Maulana Masood Azhar) ने बुधवार को कबूल किया कि बहावलपुर में उसके संगठन के मुख्यालय पर भारतीय मिसाइल हमले (ऑपरेशन सिंदूर) में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं। अजहर के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया कि बहावलपुर में जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह पर हमले में मारे गए लोगों में जैश सरगना की बड़ी बहन और उसका पति, एक भांजा और उसकी पत्नी, एक भांजी और परिवार के पांच अन्य बच्चे शामिल हैं।
बयान में कहा गया कि हमले में अजहर के एक करीबी सहयोगी और उसकी मां तथा दो अन्य करीबी साथियों की भी जान चली गई। इसमें कहा गया, ‘‘क्रूरता के इस कृत्य ने सारी हदों को पार कर लिया है। अब दया की कोई उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।’’
भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का प्रमुख गढ़ बहावलपुर भी शामिल है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से अंजाम दिया गया।
पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद का केंद्र है, जो भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी समूह है। यह शहर लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर स्थित है, और जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह में जैश का संचालन मुख्यालय है, जिसे उस्मान-ओ-अली परिसर के रूप में भी जाना जाता है।
पाकिस्तान में पंजाब की सूचना मंत्री अजमा बुखारी ने कहा कि बहावलपुर हमले में घायल सभी लोगों को विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका अच्छे से अच्छा इलाज हो रहा है। पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि भारतीय हमले में 26 लोग मारे गए हैं और 46 अन्य घायल हो गए।
मौलाना मसूद अज़हर साउथ एशिया में आतंकवाद के इतिहास में एक सेंट्रल व्यक्ति रहा है। 1968 में बहावलपुर में जन्मे अजहर ने 1994 में भारतीय अधिकारियों द्वारा गिरफ़्तारी से पहले हरकत-उल-मुजाहिदीन में मौलवी के रूप में काम किया था।
अजहर को 1999 में विमान IC-814 के अपहरण किए गए यात्रियों की रिहाई के ऐवज में जेल से छोड़ा गया था। उसके बाद से बहावलपुर जैश का अड्डा बना हुआ था। संयुक्त राष्ट्र ने मई 2019 में अजहर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया था। तब चीन ने जैश प्रमुख को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अपनी रोक को हटा लिया था। उस समय नई दिल्ली ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र से इस बाबत संपर्क किया था।
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2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना के बाद से अजहर भारत में कई आतंकी हमलों के लिए ज़िम्मेदार रहा है। इनमें से कुछ हमलों में 2001 का संसद हमला, 2019 का पुलवामा हमला जिसमें भारतीय सैनिकों को निशाना बनाया गया और 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला शामिल है। अजहर अप्रैल 2019 से कभी सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखा है और माना जाता है कि वह बहावलपुर में किसी ‘सुरक्षित जगह’ पर छिपा हुआ है।