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भारत की डेटा सेंटर क्षमता 2026-27 तक दोगुनी होकर 2,100 मेगावाट हो जाएगी: ICRA

इक्रा की उपाध्यक्ष अनुपमा रेड्डी ने कहा कि डेटा उत्पादन में वृद्धि तथा डेटा स्थानीयकरण के लिए दबाव भारत के डेटा सेंटर परिदृश्य में एक परिवर्तनकारी बदलाव ला रहा है।

Last Updated- October 22, 2024 | 3:03 PM IST
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भारत की डेटा सेंटर क्षमता डिजिटल उछाल तथा डेटा स्थानीयकरण प्रयासों से वित्त वर्ष 2026-27 तक 2,000-2,100 मेगावाट (मेगावाट) तक पहुंचने की उम्मीद है। इस दौरान इसमें 50,000-55,000 करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को बयान में कहा, वर्तमान क्षमता 950 मेगावाट है। इसमें से एनटीटी ग्लोबल डेटा सेंटर, सीटीआरएलएस डेटा सेंटर, एसटीटी ग्लोबल डेटा सेंटर, सिफी टेक्नोलॉजीज और एनएक्सट्रा डेटा जैसी प्रमुख कंपनियां 85 प्रतिशत बाजार को (मार्च, 2024 तक) नियंत्रित करती हैं।

इक्रा की उपाध्यक्ष अनुपमा रेड्डी ने कहा कि डेटा उत्पादन में वृद्धि तथा डेटा स्थानीयकरण के लिए दबाव भारत के डेटा सेंटर परिदृश्य में एक परिवर्तनकारी बदलाव ला रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘कम डेटा शुल्क योजनाएं, किफायती स्मार्टफोन तक पहुंच, नई प्रौद्योगिकियों को अपनाना और सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स, गेमिंग तथा ओटीटी मंचों का बढ़ता उपयोगकर्ता आधार डेटा क्षेत्र में बढ़ोतरी के कुछ प्रमुख कारण हैं।’’

इसके अलावा कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित मांग महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। इसके अगले तीन से पांच साल में कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। इक्रा ने कहा कि मौजूदा क्षमता का करीब 95 प्रतिशत हिस्सा छह शहरों में है, जिसमें मुंबई तथा चेन्नई सबसे आगे हैं।

Also read: Deloitte का वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7-7.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चूंकि ‘को-लोकेशन’ सेवाओं की मांग बढ़ रही है, खासकर हाइपरस्केलर्स तथा बैंकिंग व आईटी जैसे क्षेत्रों से, ऐसे में वित्त वर्ष 2024-25 में डेटा केंद्रों के राजस्व में 23-25 ​​प्रतिशत की तीव्र वृद्धि होने का अनुमान है।

इसके अलावा, जैसे-जैसे पर्यावरण संबंधी चिंताएं जोर पकड़ती जा रही हैं, भारतीय डेटा सेंटर संचालकों से अपेक्षा की जाती है कि वे हरित ऊर्जा में अपना निवेश वर्तमान पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 2028 तक अनुमानित 20-25 प्रतिशत कर देंगे।

First Published - October 22, 2024 | 3:03 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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