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आपातकाल की याद में केंद्र सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया

अमित शाह ने कहा कि आपातकाल के दौरान लाखों लोगों को बिना कारण जेल में डाल दिया गया और प्रेस की आजादी पर रोक लगा दी गई थी।

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निशा आनंद   
Last Updated- July 12, 2024 | 5:33 PM IST

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घोषणा की कि 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह दिन 1975 में लगाई गई आपातकाल की याद दिलाता है। उस समय, इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने आपातकाल लगाया था। यह 21 मार्च 1977 तक चला। इस दौरान, संविधान के विशेष प्रावधानों का इस्तेमाल करके नागरिक स्वतंत्रता पर बड़ी पाबंदियां लगाई गई थीं।

शाह ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।”

अमित शाह ने कहा कि आपातकाल के दौरान लाखों लोगों को बिना कारण जेल में डाल दिया गया और प्रेस की आजादी पर रोक लगा दी गई। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसका मकसद उन लोगों के योगदान को याद करना है जिन्होंने आपातकाल के दौरान कष्ट झेला।

सरकार की तरफ से जारी एक आधिकारिक सूचना में कहा गया है कि यह दिन उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाएगा जिन्होंने आपातकाल के दौरान सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कष्ट सहे। साथ ही, यह भारत के लोगों को याद दिलाएगा कि वे भविष्य में इस तरह के सत्ता के दुरुपयोग का किसी भी रूप में समर्थन न करें।

First Published : July 12, 2024 | 5:28 PM IST