भारत

HMPV Outbreak: दिल्ली सरकार ने जारी की एडवाजरी, सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए कहा

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है। यह पैरामिक्सोवायरस परिवार का सदस्य है, जो सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- January 06, 2025 | 11:46 AM IST

HMPV Outbreak: दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने चीन में तेजी से फैलने वाले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से पैदा होने वाली संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। दिल्ली की डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज डॉ. वंदना बग्गा ने रविवार को दिल्ली में इसको लेकर तैयारियों पर चर्चा करने के लिए मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के राज्य कार्यक्रम अधिकारी के साथ बैठक की।

इस बैठक में HMPV के साथ अन्य सांस संबंधी बीमारियों के बारे में चर्चा की गई। अस्पतालों को IHIP पोर्टल के माध्यम से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों की तुरंत रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। साथ ही किसी भी प्रकार के संदिग्ध मामलों के लिए सख्त आइसोलेशन प्रोटोकॉल और सबके लिए सावधानियां बरतने का निर्देश दिया गया। हालांकि, सरकार ने अपने बयान में कहा कि 2 जनवरी तक भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों में कोई खास उछाल नहीं आया है।

क्या है HMPV वायरस?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है। यह पैरामिक्सोवायरस परिवार का सदस्य है, जो सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है। पहली बार इस वायरस की पहचान 2001 में नीदरलैंड में हुई थी, लेकिन इसे बाद में दुनिया भर में पाया गया।

Also Read: HMPV: क्या चीन में Covid-19 की तरह का नया खतरा! अबतक इसको लेकर है ये जानकारी

यह वायरस विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है। इसका मुख्य कारण ठंड का मौसम और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में बढ़ती गतिविधियां मानी जा रही हैं।

क्या हैं HMPV के लक्षण और यह कैसे फैलता है?

HMPV के शुरुआती लक्षण बिल्कुल कोरोना महामारी जैसे ही हैं, जिसमें मरीज को सर्दी-जुकाम और सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ ही मरीज को हल्के से मध्यम बुखार, खांसी, नाक बहना, छाती में जकड़न और थकान का एहसास होता है।

इसके अलावा यह खांसने या छींकने पर संक्रमित व्यक्ति से निकले ड्रॉपलेट्स के जरिए, संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने या किसी सतह को छूने के बाद और उन सतहों को छूने से जहां वायरस मौजूद हो, से फैल सकता है।

चीनी CDC की वेबसाइट के अनुसार, इस वायरस का संक्रमण काल तीन से पांच दिनों का होता है. यह बीमारी साल में कभी भी हो सकती है, लेकिन ठंड और वसंत के मौसम में इसका प्रभाव बढ़ जाता है।

First Published : January 6, 2025 | 10:37 AM IST