मध्य प्रदेश में उत्पादित होने वाले महुए की मदद से अब विदेशों में हेल्थ ड्रिंक्स, चॉकलेट्स और कुकीज बनाई जाएंगी। इसके लिए प्रदेश 200 टन महुआ निर्यात करने जा रहा है। इसे लंदन स्थित एक कंपनी की भारतीय अनुषंगी कंपनी को बेचा जा रहा है।
मध्य प्रदेश लघु वनोपज संघ के प्रबंध निदेशक पुष्कर सिंह ने कहा कि अगले वर्ष आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय वन मेले में लंदन की ओ, फॉरेस्ट नामक कंपनी की भारतीय अनुषंगी कंपनी मधुवन्या के साथ हुए इस समझौते के अलावा अलावा अन्य देसी-विदेशी कंपनियों के साथ करीब 1,000 टन महुआ की बिक्री के समझौते हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता के बाद महुआ दूसरी सबसे अधिक राजस्व जुटाने वाली वनोपज है। सिंह ने कहा, ‘वन समितियों से 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर महुआ खरीदा जा रहा है और उसे 110 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर निर्यात किया जाएगा।’
महुए की आपूर्ति इसी वर्ष होनी है। इसके लिए उमरिया, अलीराजपुर, नर्मदापुरम, सीहोर, सीधी और खंडवा में वन समितियों के साथ अनुबंध किया गया है।
इससे पहले गत वर्ष अगस्त में प्रदेश सरकार ने महुए से हेरिटेज शराब बनाने को मंजूरी दी थी। आबकारी विभाग की ओर से इस शराब को देसी शराब न मानते हुए प्रीमियम हेरिटेज शराब माना जा रहा है और इसकी बिक्री शराब की दुकानों पर नहीं बल्कि मध्य प्रदेश पर्यटन निगम के बार में की जाएगी।