उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया है कि इस हफ्ते हाथरस में हुए हिंदू धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी। घटना मंगलवार को हाथरस जिले के फुलराई मुगल गढ़ी गांव में हुई थी। वहां करीब 2 लाख 50 हज़ार लोग ‘भोले बाबा’ के नाम से मशहूर उपदेशक सूरज पाल सिंह को सुनने के लिए जमा हुए थे।
पुलिस की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक कार्यक्रम आयोजकों ने सिर्फ 80,000 लोगों के इकट्ठा होने की इजाजत ली थी। बाबा ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि भगदड़ “असामाजिक तत्वों” की वजह से हुई थी, लेकिन उन्होंने इसकी ज्यादा जानकारी नहीं दी।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए चार पुरुष और दो महिलाएं बाबा के सहयोगी थे और उसी कार्यक्रम को आयोजित करने में शामिल थे जिसमें भगदड़ मची थी।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक शालभ मथुर ने पत्रकारों को बताया, “जब भगदड़ मची तो कार्यक्रम आयोजित करने वाले सभी लोग मौके से भाग गए।”
उपदेशक के वकील एपी सिंह ने बताया कि वह गिरफ्तार किए गए छह लोगों का बचाव करेंगे। उन्होंने कहा, “पुलिस अपना काम कर रही है, लेकिन जिन लोगों को उन्होंने गिरफ्तार किया है, उनके परिवार के लोग भी इस हादसे में मारे गए हैं। असल में जो लोग भगदड़ के लिए जिम्मेदार हैं, वो भाग गए हैं।”
शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार दोपहर को भगदड़ उस वक्त शुरू हुई जब कार्यक्रम स्थल से निकलने के लिए लोग हाईवे के किनारे बने छत वाले मैदान से बाहर जा रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि कई लोग उपदेशक की गाड़ी की तरफ दौड़ पड़े, लेकिन उन्हें उनके सहयोगियों ने रोक लिया। इस दौरान अफरातफरी मच गई और कुछ लोग जमीन पर गिर गए, जिनको रौंद दिया गया।
कुछ अन्य लोग वहां से भागने के लिए खुले खेतों की तरफ दौड़े, लेकिन रास्ते में असमान जमीन पर फिसल कर गिर गए और भीड़ के पैरों तले आ गए। वे उठ नहीं पाए। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान कर ली गई है और गुरुवार को उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए। मृतकों में 112 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं। गौरतलब है कि भारत में धार्मिक स्थलों और कार्यक्रमों में भगदड़ और अन्य हादसे अक्सर होते रहते हैं, जिनमें ज्यादातर हादसों की वजह भीड़ को सही तरीके से मैनेज न करना होता है।