Haryana Assembly Elections 2024: रोजगार, अग्निपथ योजना और किसान एवं पहलवानों का विरोध प्रदर्शन भी राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा राज्य में चुनावी मुद्दा है। यहां शनिवार, 5 अक्टूबर को मतदान होगा और लोगों के बीच यह मुद्दा हावी है। हालांकि, महिलाओं की बढ़ती सुरक्षा की सराहना यहां के लोग कर रहे हैं।
झज्जर जिले के बहादुरगढ़ के लोगों को सबसे ज्यादा चिंता बेरोजगारी की है। 24 वर्षीय दीपक कुमार कभी भारतीय सेना में जाने का ख्वाब देखते थे, लेकिन वह जा नहीं सके और अब नौकरी की तलाश में हैं। वह कहते हैं, ‘कोविड के दौरान जिन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की थी वह अब अग्निवीर के तौर पर सेना में शामिल हो रहे हैं। वे उतने पढ़े-लिखे नहीं हैं और उम्र के अनुसार अनुभव भी काफी कम है।’
उन्हें अफसोस होता है कि बेहतर पढ़ाई लिखाई करने वाले भी उसी जमात में शामिल हो गए हैं। उनके चाचा प्रवीण कुमार भी उनकी बातों से इत्तेफाक रखते हैं। वह कहते हैं, ‘हरियाणा के लोगों, किसानों और पहलवानों को विरोध-प्रदर्शन करते हुए देखना काफी बुरा लगता है।’
इन्हीं मुद्दों के बीच बहादुरगढ़ में जोरदार चुनावी भिड़ंत होने जा रही है। यहां कांग्रेस के मौजूदा विधायक राजेंद्र सिंह जून की टक्कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दिनेश कौशिक से है। पिछली बार साल 2019 के चुनावों में कौशिक के बड़े भाई नरेश यहां से चुनाव लड़े थे मगर वह जून से 15 हजार मतों के अंतर से हार गए। इस बार भाजपा ने उनके छोटे भाई को टिकट दिया है।
वहीं अन्य उम्मीदवारों में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की पत्नी शीला नफे सिंह राठी भी हैं। नाफे की इस साल फरवरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसके अलावा दिल्ली से सटे रोहतक में जहां देश का सबसे बड़ा थोक कपड़ा बाजार शोरी मार्केट है, वहां भी रोजगार, कारोबार और बुनियादी ढांचा प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं।
शोरी मार्केट में खुदाई चल रही है। इसके मुख्य मार्ग का पुनर्निर्माण किया जा रहा है और इसके चुनाव के बाद पूरा होने की उम्मीद है। नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर एक कपड़ा दुकानदार ने कहा, ‘वैसे भी हम ई-कॉमर्स और संगठित बाजारों से पीछे हैं।’
रोहतक के नए बस अड्डे पर कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा की तैयारी करने वाले 20 वर्षीय अंकुश सिंह ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी के अभाव में वह दिल्ली जाकर बेहतर कोचिंग संस्थान से तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। अगर दिल्ली मेट्रो को बहादुरगढ़ से आगे बढ़ाया जाता तो उनकी यह परेशानी खत्म हो जाती।
साल 2023-24 के हालिया आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण के मुताबिक, हरियाणा की बेरोजगारी दर जून 2023 के 6.4 फीसदी से कम होकर इस साल जुलाई में 4.8 फीसदी हो गई है। मगर 9.9 फीसदी स्नातक वाले छात्र बेरोजगार हैं। इसके मुकाबले माध्यमिक शिक्षा वाले 1.9 फीसदी और उच्च शिक्षा तक पढ़ाई करने वाले 6.6 फीसदी छात्रों के पास नौकरी नहीं है। अपने चुनावी घोषणापत्र में सत्तारूढ़ दल भाजपा और कांग्रेस दोनों ने प्रदेश में 2 लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया है।
रोहतक से भाजपा उम्मीदवार मनीष कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रदेश में व्यापार और रोजगार के मौकों में सुधार किया है। मनीष पिछले विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के भरत भूषण बत्रा से हार गए थे। उन्होंने हरियाणा कौशल रोजगार निगम योजना का हवाला देते हुए दावा कि इसके ठेकेदार प्रथा (बिचौलिया प्रणाली) को खत्म कर करीब 2 लाख स्थायी नौकरियां दीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने रोहतक में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) में एक मेगा फूड परियोजना को भी मंजूरी दी है। साथ ही हमने आईएमटी में एक इलेक्ट्रिक वाहन हब बनाने के लिए भी काम किया है।
रोहतक के बाद सोनीपत की भी ऐसी ही समस्याएं हैं। यहां का चुनावी रण पेचीदा होने जा रहा है। कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुरेंद्र पंवार की इस बार टक्कर निखिल मदान से है, जो इस साल जुलाई में भाजपा में शामिल होने से पहले वह कांग्रेस पार्टी में ही। सोनीपत में किताब की दुकान चलाने वाले प्रेम नाथ ने कहा, ‘दोनों घनिष्ठ मित्र हैं, लेकिन दोनों के वोट बंट जाएंगे। जीत का मार्जिन 10 हजार से भी कम वोटों का हो सकता है।’
हालांकि, लोगों का कहना है कि महिला सुरक्षा की दिशा में सुधार हुआ है। रोहतक चौक पर एक ऑटो रिक्शा चालक ने कहा, ‘कुछ साल पहले तक लड़कियां अकेले ऑटो रिक्शा में नहीं बैठती थीं। अब, चीजें बदल गई हैं।’ अब शहर के ऑटो पर पुलिस हेल्पलाइन नंबर लिखा होना अनिवार्य कर दिया गया है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की साल 2023 में आई पिछली रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध साल 2022 में साल 2021 के मुकाबले 0.5 फीसदी बढ़ा है, लेकिन अपराध दर में गिरावट आई है। यह साल 2020 से 2021 तक 28.1 फीसदी थी।
महीने भर से बहादुरगढ़, रोहतक और सोनीपत में लाउडस्पीकरों, बैनरों और रंग-बिरंगे पोस्टरों से पटे ऑटो रिक्शा के साथ व्यस्त प्रचार अभियान देखा गया है। गुरुवार शाम को जैसे ही चुनाव प्रचार बंद हुआ और ये शहर मतदान मोड में प्रवेश करने के लिए तैयार हो गए और शांति पसर गई।