वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 56वीं बैठक में बुधवार को दो कर श्रेणियों वाली जीएसटी व्यवस्था के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। दो दरों वाली नई व्यवस्था 22 सितंबर से लागू होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यह केवल जीएसटी में सुधार ही नहीं, बल्कि ढांचागत सुधार और लोगों का जीवन सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सभी राज्यों ने नई कर व्यवस्था पर सहमति जताई है। मगर पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि जीएसटी सुधार के कारण कुल 47,700 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।
बैठक में व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर जीएसटी समाप्त करने पर भी सहमति बनी है। अभी तक जीएसटी व्यवस्था में चार कर श्रेणियां- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत हैं। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने कहा कि जीएसटी दरों में संशोधन के बाद राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कोई स्पष्ट योजना पेश नहीं की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में दीवाली से पहले उपहार के रूप में घोषित ‘जीएसटी 2.0’ नए सुधारों की दिशा में सरकार का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। बीमा पर जीएसटी छूट सीधे तौर पर फायदा पहुंचाएगी और देश में बीमा क्षेत्र की पहुंच बढ़ाएगी।