पॉवर फाइनैंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) ने सरकारी पनबिजली कंपनी एसजेवीएन लिमिटेड के साथ 1.18 लाख करोड़ रुपये के सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता एसजेवीएन की अक्षय ऊर्जा और ताप बिजली परियोजनाओं के लिए किया गया है।
इस समझौते से 12 गीगावॉट क्षमता के बिजली उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें ज्यादातर उत्पादन अक्षय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन, पंप्ड हाइड्रो) के संयंत्र और 660 मेगावॉट क्षमता की ताप बिजली परियोजना शामिल है।
पीएफसी ने कहा, ‘कर्ज के रूप में पीएफसी का वित्तीय समर्थन करीब 80,000 करोड़ रुपये से 90,000 करोड़ रुपये का होगा। इससे इन परियोजनाओं को लेकर प्रतिबद्धता का पता चलता है।
उल्लेखनीय है कि इस कोष में आगे और बढ़ोतरी की जा सकती है, जिससे अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की खास बढ़ी जरूरतों को पूरा किया जा सके। इससे परियोजनाओं को लेकर दोनों की साझेदारी और स्वीकार्यता का भी पता चलता है।’
एसजेवीएन के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने कहा, ‘इससे कंपनी को 2026 तक 12 गीगावॉट क्षमता पूरी करने के नए मिशन में भी मदद मिलेगी और 2040 तक 50 गीगावॉट के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य में हिस्सेदारी बढ़ेगी।’
एसजेवीएन ने केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उद्यमों के साथ भी समझौता किया है, जिससे अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं विकसित की जा सकें। अक्षय ऊर्जा और ताप बिजली परियोजनाओं का बड़े पैमाने पर विकास को गति देकर दोनों इकाइयों ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण की सततता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।