स्वतंत्रता दिवस पर नए आर्थिक सुधारों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने उन खास क्षेत्रों की एक फेहरिस्त तैयार की है जिनमें वह जल्द और एक निश्चित समय सीमा में सुधार करना चाहती है।
सरकार कुछ बड़ी महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं को आगे बढ़ाना चाहती है। इनमें खनन एवं बिजली उत्पादन दोगुना करना, बड़े निवेश के लिए भारत को एक माकूल बाजार के रूप में पेश करना और उद्यमों एवं आम लोगों पर अनुपालन से जुड़े बोझ कम करना शामिल हैं।
सरकार ने विकसित भारत लक्ष्यों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिसका अध्यक्ष नीति आयोग के सदस्य राजीव गाबा को बनाया गया है।
यह समिति इन बड़ी परियोजनाओं के जरिये आर्थिक विकास एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करेगी।
इन परियोजनाओं में खनन क्षेत्र में उत्पादन दोगुना करना, बिजली उत्पादन, हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना, लघु एवं उच्च मॉड्यूलर रिएक्टर तैयार करना और कोयला गैसीकरण शामिल हैं। गैर-वित्तीय नियामकीय सुधारों पर गठित एक दूसरी समिति मौजूदा कानूनों की प्रासंगिकता पर भी विचार करेगी। इसके अलावा समिति स्व-अभिप्रमाणन और तीसरे पक्ष की निगरानी से जुड़ी गुंजाइश भी तलाशेगी।