उत्तर प्रदेश से दूसरे राज्यों को जाने वाले मुसाफिरों को आरामदायक यात्रा की सुविधा मिलेगी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) पड़ोसी राज्यों को जाने वाली सरकारी बसों में स्लीपर की सुविधा भी देगा। निगम इसके लिए निजी कंपनियों से अनुबंध करेगी। पड़ोसी राज्यों को जाने के लिए अनुबंधित बसों की सेवाएं ली जाएंगी।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के मुताबिक पड़ोसी राज्यों तक यात्रियों को ले जाने के लिए निगम निजी बसों के साथ अनुबंध करेगा। इसके लिए निगम अधिकारियों ने एक मेडा प्लान तैयार किया है। इसके तहत 100 से अधिक बसों के साथ अनुबंध किया जाएगा। इनमें आधे से कम यानी कि 40 फीसदी बसों में स्लीपर की भी सुविधा होगी। दयाशंकर सिंह ने बताया कि जल्दी ही इस मेगा प्लान को अमल में लाया जाएगा। इन बसों के जरिए लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
निगम अधिकारियों का कहना है कि अनुबंधित बसों का संचालन आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर के अलावा राजधानी लखनऊ से किया जाएगा। इन बसों से यात्रियों को दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान व मध्य प्रदेश राज्यों को ले जाया जाएगा। पहले चरण में निगम 100 बसों के साथ अनुबंध करेगा। इन बसों को निजी कंपनी कंपनी के ही चालक चलाएंगे जबकि परिचालकों की तैनाती निगम करेगा। इसके लिए देश की बड़ी ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क कर बसों का अनुबंध किया जाएगा।
फिलहाल परिवहन निगम से दूसरे राज्यों के लिए सीमित सेवाएं दी जा रही हैं। सरकारी बसों की स्थिति को देखते हुए इसे बढ़ा पाना संभव नहीं है। सरकारी बसों की सेवाएं न होने के चलते बड़े पैमाने पर निजी ट्रैवल एजेंसियों दूसरे राज्यों के लिए बसों का संचालन करती है जिससे यात्रियों को न केवल अधिक किराए पर सफर करना पड़ता है बल्कि उन्हें आरामदायक सफर भी नहीं मिलता है। बड़े पैमाने पर निजी बसों का अनुबंध निगम से होने के बाद कम से कम प्रदेश से हर राज्य के लिए आधा दर्जन बस सेवाएं चलेंगी। साथ ही यात्रियों को किराया भी कम देना पड़ेगा। अभी प्रदेश से दिल्ली, देहरादून व जयपुर के लिए सीमित मात्रा में अनुबंधित सेवा के तहत वोल्वो बसें चलाई जा रही हैं। बड़ी तादाद में पड़ोसी राज्यों को जाने वाले यात्रियों को ट्रेनों में भीड़ के चलते निजी ट्रैवल एजेंसियों की बसों से सफर करना पड़ता है।