सोमवार, 9 जून 2025 को भारत के केरल राज्य में स्थित विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह (Vizhinjam Port) एक ऐतिहासिक पल का गवाह बना। दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज MSC IRINA पहली बार दक्षिण एशिया के किसी पोर्ट पर आया और सुबह के समय विझिंजम पोर्ट पर सफलतापूर्वक लंगर डाला। यह जहाज अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर वेसल (ULCV) की कैटेगरी में आता है और इसकी टीईयू (TEU) क्षमता 24,346 है, जो इसे दुनिया में सबसे ज़्यादा कंटेनर ले जाने वाला जहाज बनाता है।
यह खास आगमन इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि विझिंजम पोर्ट को 2 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया था। यह पोर्ट अब बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय जहाजों के लिए भी पूरी तरह तैयार दिख रहा है। MSC IRINA की लंबाई 399.9 मीटर और चौड़ाई 61.3 मीटर है। यह एक फुटबॉल के मैदान से लगभग चार गुना बड़ा है। जहाज में कंटेनर को 26 परतों तक ऊंचाई में रखा जा सकता है, जिससे इसकी क्षमता और प्रभावशाली हो जाती है। यह जहाज लाइबेरिया के झंडे के अंतर्गत समुद्र में चलता है और मार्च 2023 में लॉन्च हुआ था। इसकी पहली यात्रा अप्रैल 2023 में शुरू हुई थी।
विझिंजम पोर्ट पहले भी MSC Türkiye और MSC Michel Cappellini जैसे बड़े जहाजों को संभाल चुका है। इससे यह साफ है कि यह बंदरगाह अब अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।
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MSC IRINA न सिर्फ आकार में बड़ा है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है। इसमें खास एनर्जी-सेविंग तकनीकें लगाई गई हैं जो कार्बन उत्सर्जन को 4% तक कम करती हैं, जिससे इसका कार्बन फुटप्रिंट घटता है।
विझिंजम पोर्ट ने जुलाई 2024 में ट्रायल ऑपरेशन शुरू किया था और दिसंबर 2024 से व्यावसायिक ऑपरेशन शुरू हुआ। अब तक यहां 349 जहाज आ चुके हैं और कुल 7.33 लाख कंटेनरों को हैंडल किया गया है। MSC IRINA का भारत आना केवल एक जहाज की यात्रा नहीं, बल्कि विझिंजम पोर्ट के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभरने की एक बड़ी पहचान है। यह भारत के समुद्री व्यापार, इन्फ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी का प्रतीक बन गया है।