बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता सुशील मोदी का आज यानी 13 मई को निधन हो गया। वरिष्ठ बीजेपी नेताओं में शुमार 72 वर्षीय सुशील मोदी ने दिल्ली में अंतिम सांस ली। वे पिछले 7 महीनों से कैंसर रोग से जूझ रहे थे और उनका AIIMS दिल्ली में इलाज चल रहा था।
पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का पार्थिव शरीर कल यानी 14 मई को पटना के राजेंद्र नगर में उनके आवास पर लाया जाएगा और दिन में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बिहार के मौजूदा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने X पर पोस्ट करते हुए सुशील मोदी के निधन की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।’
दिल्ली के दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी जी अब हमारे बीच नहीं रहे । पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है । अपने संगठन कौशल,प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी जानकारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिरशांति और परिजनों को इस शोक की घड़ी में सम्बल प्रदान करें।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशील मोदी के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके आपातकाल से लेकर GST पारित होने की भूमिका को याद किया। PM मोदी ने लिखा, ‘पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे बेहद मेहनती और मिलनसार विधायक के रूप में जाने जाते थे। राजनीति से जुड़े विषयों को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी थी। उन्होंने एक प्रशासक के तौर पर भी काफी सराहनीय कार्य किए। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!’
पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे… pic.twitter.com/160Bfbt72n
— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2024
आज से करीब 40 दिन पहले 3 अप्रैल को ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है । लोक सभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। PM को सब कुछ बता दिया है । देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।’ बता दें कि सुशील मोदी का राज्यसभा का कार्यकाल (Sushil Modi Rajya Sabha Tenure) इसी साल समाप्त हो गया था और भाजपा ने उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा।
5 जनवरी 1942 को बिहार की राजधानी पटना में जन्मे सुशील मोदी 1973 में पहली बार राजनीति में उतरे और पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के जनरल सेक्रेटरी बने। सुशील मोदी जेपी आंदोलन में भी काफी सक्रियता से लगे रहे थे। जेपी आंदोलन के दौरान और इंदिरा गांधी सरकार में आए आपातकाल के विरोध में वे 5 बार गिरफ्तार किए जा चुके थे।
बाद में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में भी शामिल हुए। 1977 से लेकर 1986 तक उन्होंने ABVP में कई भूमिकाएं निभाईं। और फिर 1990 में राजनीति की मुख्यधारा में शामिल हो गए।
1990 में सुशील मोदी पहली बार पटना सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। फिर उनकी जीत का सिलसिला नहीं थमा। 1995 में फिर से सुशील मोदी ही विधायक चुने गए और तभी उन्हें बीजेपी का चीफ व्हिप बना दिया गया। इसके बाद 2000 के विधानसभा चुनाव में फिर से सुशील मोदी जीत गए और विधायक बने।
1996 से लेकर 2004 तक वे विपक्ष के नेता रहे और 2004 में भागलपुर लोक सभा सीट से चुनाव जीतकर भाजपा के सांसद बने।
साल 2005 में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग (NDA) की बिहार में सरकार बनी और सुशील मोदी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। राज्य की जिम्मेदारी संभालने के बाद सुशील मोदी सांसद पद से इस्तीफा दे दिए। 2010 में फिर अगले पांच साल के लिए NDA की सरकार बनी और सुशील मोदी को दोबारा उप मुख्यमंत्री बनाया गया। बता दें कि इन दोनों चुनावों (2005 और 2010) में सुशील मोदी चुनाव नहीं लड़े थे। NDA की सरकार जीतने के बाद वे विधान परिषद के सदस्य बनाए गए थे।
8 दिसंबर 2020 को सुशील मोदी को बिहार से राज्यसभा सांसद के लिए चुना गया। उन्हें राम विलास पासवान के निधन के बाद राज्यसभा बुलाया गया था।
जुलाई 2017 से लेकर नवंबर 2020 तक सुशील मोदी GST काउंसिल के सदस्य रहे। बाद में जब वे राज्यसभा के सदस्य चुने गए तो इस दौरान भी उन्होंने अलग-अलग पदों पर काम किया। दिसंबर 2020 से लेकर सितंबर 2021 तक वे शहरी विकास समिति (कमेटी ऑन अर्बन डेवलपमेंट) के सदस्य रहे। इसके बाद वह 2023 तक अलग-अलग कमेटियों में सदस्य के तौर पर काम करते रहे।
सुशील मोदी के पिता मोती लाल मोदी और माता का नाम रत्ना देवी है। दोनों लोगों का पहले ही निधन हो चुका है। उन्होंने अपनी शादी ईसाई धर्म में की थी। सुशील मोदी की पत्नी डॉक्टर जेस्सी सुशील मोदी (Dr Jessie Sushil Modi) है। वे पटना यूनिवर्सिटी में एजूकेशन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। सुशील मोदी के दो बेटे हैं, जिनका नाम उत्कर्ष तथागत अक्षय अमृतांक्षु है।