Farmer protest-trade: दिल्ली के कारोबारियों को किसान आंदोलन की मार कारोबार पर पड़ने का डर सता रहा है। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सिंघु, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर कई स्तर पर बैरिकेड लगाए गए हैं। इससे सामान्य यातायात के साथ ही माल ढुलाई करने वाले वाहनों की दिल्ली में आवाजाही प्रभावित हो सकती है।
ट्रांसपोर्टर भी दिल्ली में माल लाने में कतरा सकते हैं। कारोबारियों का कहना है कि इस आंदोलन से शादियों के सीजन में होने वाला कारोबार भी प्रभावित हो सकता है। हालांकि कारोबारियों के मुताबिक अभी इस आंदोलन का कारोबार पर असर नहीं हुआ है। लेकिन आंदोलन लंबा खिंचने पर माल की आवाजाही बाधित होने के साथ ही कारोबार में गिरावट आ सकती है।
आंदोलन लंबा खिचने पर बाधित हो सकती है फल-सब्जियों की आपूर्ति
दिल्ली की आजादपुर मंडी में सब्जी कारोबारी संघ के महासचिव अनिल मल्होत्रा ने कहा कि अभी तक इस आंदोलन का मंडी में फल व सब्जी की आवाजाही पर असर नहीं हुआ। लेकिन इसी तरह के हालात अगले दो-तीन रहने पर फल व सब्जियों की आवक घट सकती है। सब्जियां लाने वाले ट्रक मंडी में दूसरे या अंदर के रास्तों से आएंगे। जिन्हें आने में ज्यादा समय लगेगा।
इसी मंडी के प्याज कारोबारी और आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति (APMC) के पूर्व सदस्य राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि अभी भले ही आंदोलन का असर न दिख रहा हो लेकिन पिछले अनुभवों को देखते हुए आगे इसका असर दिख सकता है। दिल्ली में न सिर्फ फल-सब्जियां आती हैं, बल्कि यहां से दूसरे राज्यों को जाती भी हैं। ट्रांसपोर्टर भी सुरक्षा की चिंता में माल की ढुलाई करने से कतराएंगे।
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बाजारों के कारोबार पर भी पड़ेगी मार
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने कहा कि सिंघु बॉर्डर से दिल्ली में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान को माल की आवाजाही होती है। ऐसे में इस बॉर्डर से प्रवेश रुकने पर दिल्ली के बाजारों में माल का आना और यहां से माल जाना बाधित हो सकता है।
दूसरे राज्यों के कारोबारी किसान आंदोलन की खबरें सुनकर दिल्ली आने से परहेज करेंगे। इससे भी कारोबार में कमी आ सकती है। इस समय शादियों का सीजन चल रहा है। आंदोलन से शादियों के कारोबार पर भी बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि अभी कारोबार पर असर नहीं हुआ है। लेकिन अगले दो-चार दिन में असर शुरू हो सकता है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि किसान आंदोलन से दिल्ली के कारोबारी चिंतित है। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना से दिल्ली में माल की आवाजाही निर्बाध रूप से चलती रहे सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है। देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली में माल आता है और दिल्ली से देश के समस्त राज्यों में माल जाता भी है। किसान आंदोलन से यदि आपूर्ति श्रृंखला बाधित होती है तो इसका विपरीत असर दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के कारोबार पर पड़ेगा।