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खदानों से कोयला पहुंचाने वाली 7 अहम रेल परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर

ये परियोजनाएं झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे तीन राज्यों की खदानों से कोयले को बिजली संयंत्रों और उद्योगों तक पहुंचाने में मददगार साबित होंगी

Last Updated- October 07, 2025 | 11:10 PM IST
Coal India

केंद्र सरकार, सात अहम रेलवे परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दे रही है। ये परियोजनाएं झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे तीन राज्यों की खदानों से कोयले को बिजली संयंत्रों और उद्योगों तक पहुंचाने में मददगार साबित होंगी।

हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक में, केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने परियोजनाओं को शुरू करने वाली कंपनियों से कहा कि वे जमीन अधिग्रहण, वन विभाग की मंजूरी और जमीन मालिकों को मुआवजा देने जैसे मुद्दों के कारण हो रही देरी की समस्या का समाधान करें। इनमें से ज्यादातर अहम परियोजनाएं इस साल के अंत तक शुरू हो जाएंगी, जबकि बाकी 2026 में शुरू होंगी।

बैठक में, कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों के अलावा रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और इरकॉन सहित सभी हितधारकों से जल्द से जल्द मुद्दों का समाधान करने और समन्वय करने के लिए कहा।

सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने बताया कि झारखंड में कोयला परिवहन के लिए एक अहम कॉरिडोर, शिवपुर-कठौतिया नई ब्रॉड-गेज रेल लाइन का 59 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यह रेलवे लाइन 49.08 किलोमीटर लंबी है और इस पर लगभग 1,800 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

इस लाइन में, कठौतिया-दुवारी सेक्शन के सितंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद थी लेकिन 2.29 किलोमीटर का हिस्सा रुका हुआ है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग अधिक मुआवजे और रैयती (किरायेदारी) अधिकारों की मान्यता की मांग कर रहे हैं।

इस बीच, तोरी-शिवपुर रेल लाइन (मगध रेलवे साइडिंग फेज 1) और झारखंड में आम्रपाली ओसीपी साइडिंग जैसी जुड़ी परियोजनाओं को वन विभाग की मंजूरी का इंतजार है। कंपनी को उम्मीद है कि मगध के लिए पहले चरण की वन विभाग की मंजूरी नवंबर 2025 तक और आम्रपाली के लिए दूसरे चरण की मंजूरी दिसंबर 2025 तक मिल जाएगी। मंत्रालय ने सीसीएल को दोनों परियोजनाओं पर विस्तृत नोट देने का निर्देश दिया।

छत्तीसगढ़ में, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने खर्सिया-धरमजयगढ़ (सीईआरएल फेज 1) और धरमजयगढ़-उर्गा (फेज 1) कॉरिडोर में जमीन और मंजूरी से जुड़े मुद्दों की जानकारी दी। मिलुपारा गांव में जमीन विवादों पर मध्यस्थता की कार्यवाही चल रही है, जबकि बिजली और ट्रांसमिशन लाइनों को हटाने से काम में देरी हो रही है। अब इन परियोजनाओं के मार्च 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

ओडिशा में झारसुगुड़ा-बरपाली-सरडेगा फेज 2 लाइन के लिए, महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ने बताया कि जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है और इसे पूरा करने की अंतिम तिथि दिसंबर 2026 है। छत्तीसगढ़ में गेवरा-पेंड्रा डबल रेल लाइन के लिए, कोयला मंत्रालय ने सीआईएल और इरकॉन से परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए जल्द से जल्द दोबारा फाइनैंसिंग के मुद्दे का समन्वय बनाने और समाधान करने के लिए कहा।

First Published - October 7, 2025 | 10:58 PM IST

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