प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर बुधवार को कहा कि यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के ‘सबसे काले अध्यायों’ में से एक था और तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंदी बना लिया था। मोदी ने यह भी कहा कि आपातकाल के दौरान जिस तरह संविधान की भावना का उल्लंघन किया गया, उसे कोई भी भारतीय कभी नहीं भूलेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रमुख सहयोगी जनता दल (यू) के शीर्ष नेताओं ने आपातकाल पर कांग्रेस को घेरा तो मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि पिछले 11 वर्षो से देश में ‘अघोषित आपातकाल’ लगा हुआ है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल का विरोध करने वाले लोगों के बलिदान का स्मरण और सम्मानित करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा, जिनके संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकार छीने गए और जिन्हें अकल्पनीय यातनाओं का सामना करना पड़ा।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को स्मरण और सम्मानित करने का संकल्प लिया, जिन्होंने आपातकाल और भारतीय संविधान की भावना को कुचलने के प्रयासों का साहसपूर्वक विरोध किया। यह दमनचक्र 1974 में नवनिर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति अभियान को बलपूर्वक कुचलने के प्रयासों से शुरू हुआ था।’
आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कई पोस्ट कर मोदी ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है। उन्होंने कहा कि आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया और बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।’
मोदी सरकार ने पिछले वर्ष घोषणा की थी कि आपातकाल की बरसी को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 42वें संशोधन में संविधान में व्यापक परिवर्तन किए गए जो आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की चालों का एक प्रमुख उदाहरण है, जिसे जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने बाद में पलट दिया था। आपातकाल और उस दौरान के अपने अनुभवों पर एक पुस्तक के विमोचन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह अवधि उनके लिए सीख देने वाली थी। लोकतंत्र के आदर्शों के लिए मोदी के संघर्ष को रेखांकित करने वाली किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज-ईयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर’ का प्रकाशन ब्लूक्राफ्ट ने किया है।
(साथ में एजेंसियां)